ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने गुरुवार को इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह कानून बच्चों को डिजिटल दुनिया के दुष्प्रभावों से बचाने और वास्तविक अनुभवों की ओर ले जाने का एक प्रयास है। उन्होंने इस दिशा में सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी बढ़ाने पर भी जोर दिया।
सोशल मीडिया युवाओं को वास्तविकता से कर रहा दूर
ऑस्ट्रेलिया सरकार का मानना है कि सोशल मीडिया किशोरों को उनके वास्तविक जीवन से दूर कर रहा है, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफार्म पर 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पहुंच न मिल सके। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। प्रधानमंत्री अल्बनीज ने इस कानून को जल्द ही ऑस्ट्रेलियाई संसद में पेश करने की योजना बनाई है।
सोशल मीडिया का उपयोग सीमितिता आवश्यक
इससे पहले, फ्रांस और कुछ अन्य देशों ने भी बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग को सीमित करने के लिए कठोर कानून लागू किए हैं। उदाहरण के तौर पर, फ्रांस में 15 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए अपने माता-पिता की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके अलावा, कुछ देशों में 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टिकटॉक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध हैं।
सोशल मीडिया डाल रहा नकारात्मक प्रभाव
दुनिया भर में सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा जारी है, खासकर बच्चों और किशोरों पर इसके प्रभाव को लेकर। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल दुनिया बच्चों को असल जिंदगी के अनुभवों से दूर कर रही है, जिससे उनमें सामाजिक दूरी और अकेलेपन की भावना बढ़ रही है। इसी कारण से, डिजिटल डिटॉक्स की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया का यह फैसला दुनियाभर के अन्य देशों के लिए एक मिसाल बन सकता है, जो सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं।