नई दिल्ली। कहते है कि कुछ करने का जुनुन अहग दिल में हो तो रास्ते भी असान हो जाते है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने, जिसने करोड़ों की नौकरी का ऑफर्स छोड़कर अपना छोटा सा बिजनेस शुरू किया था जिसका आज के समय में रेवेन्‍यू 40 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का है. वह एक सफल बिजनेसवूमेन बन चुकी हैं।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की रहने वाली आयुषी के लिए शुरूआत का सफर (Business Startup Journey) काफी मुश्किलों से भरा था। नोटरी का ऑफर ठुकराने के बाद उन्‍हें कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ा था। परिवार वालों का साथ भी कुछ खास नही था।

कैसे शुरू हुई कंपनी?

आयुषी ने कंम्प्‍यूटर साइंस से अपनी इंजीनियर‍िंग की पढ़ाई पूरी थी इसके बाद वो आरुषि को कई कंपनियों से जॉब ऑफर आए थे। जिसमें से सबसे ज्‍यादा पैकेज वाला जॉब ऑफर देश की एक बड़ी कंपनी से आया था,जो 1 करोड़ रुपये तक देने को तैयार थी। लेकिन उन्‍होंने इसके लिए मना कर दिया। क्‍योंइन इंटरव्यू के दौरान उसने देखा था कि लोह कोई जॉब पाने के लिए कैसे भटकर रहे थे।. बस यहीं से उनके मन में एक आइडिया आया और एक प्‍लेटफॉर्म टैलेंटडीक्रिप्‍ट (Talent Decrypt) की शुरुआत की।

आसान नहीं था सफर

कंपनी की शुरुआत करने के लिए उनके सामने एक बड़ी चुनौती थी इस प्‍लेटफॉर्म पर IT कंपनियों को कैसे जोड़ें। क्योकि आयुषि को किसी भी कंपनी के बारे में पता नही था। फिर उन्‍हों वे खुद ही कंपनियों में जाकर अपने प्‍लेटफॉर्म के बारे में बताया। पहले ही दिन 30 कंपनियों के चक्‍कर काटे, लेकिन कोई बात नही बनी। फिर करीब 1 सप्‍ताह तक ऐसे ही ऑफिसों के चक्कर काटती रही।  फिर एक बार अपने अपने पिता के साथ गईं और IT कंपनी को अपना सॉफ्टवेयर दिखाया। फिर क्‍या था, एक के बाद एक लोग उनसे जुड़ते चले गए और आज ये स्‍टार्टअप 40 करोड़ रुपये सालाना का रेवेन्‍यू जनरेट करता है।

क्‍या करती है ये कंपनी?

आरुषि बताती हैं कि Talent Decrypt एक ऐसा प्‍लेटफॉर्म है, जहां उसकी कंपनी एक्‍सेस दीता है कि वह दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने कैंडिडेट का चयन उसकी काबिलियत को देखकर कर सकते हैं. साथ ही युवाओं को भी नौकरी देने में यह प्‍लेटफॉर्म मददगार साबित हुआ है। आरुषि इस कंपनी की फाउंडर और सीईओ हैं।