सुप्रीम कोर्ट ने लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने यह निर्णय दिया है कि LMV लाइसेंस धारक अब 7500 किलोग्राम तक के परिवहन वाहन चला सकते हैं।

यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के अपने पहले के फैसले को बरकरार रखते हुए सुनाया है। इस फैसले के बाद LMV लाइसेंस धारक, जो हल्के मोटर वाहनों को चलाने के लिए अधिकृत होते हैं, अब उन ट्रांसपोर्ट वाहनों को भी चला सकेंगे जिनका वजन 7500 किलोग्राम तक है, बिना किसी कानूनी अड़चन के।

बीमा कंपनियों के लिए राहत

इस फैसले का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब जब LMV लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम तक के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाएंगे और अगर कोई दुर्घटना होती है, तो बीमा कंपनियां उनके बीमा क्लेम को नकार नहीं सकेंगी। इससे उन्हें दुर्घटना की स्थिति में बीमा का लाभ मिलेगा, जो पहले असंभव सा प्रतीत होता था। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी दुर्घटना के लिए सिर्फ हल्के वाहन चालकों को दोषी ठहराना पूरी तरह से गलत है, क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं के कई कारण हो सकते हैं।

सड़क सुरक्षा के कई पहलू

सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा के वैश्विक दृष्टिकोण पर भी ध्यान केंद्रित किया है। अदालत ने कहा कि भारत में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.7 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। लेकिन यह कहना कि यह सब हल्के वाहन चालकों की वजह से हुआ है, यह बात निराधार है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण कई अन्य कारक हो सकते हैं, जैसे कि सीट बेल्ट न लगाना, नशे में वाहन चलाना, मोबाइल फोन का उपयोग करना, और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना। इसलिए, सिर्फ LMV लाइसेंस धारकों को दोषी ठहराना, एकतरफा और गैर जिम्मेदाराना कदम होगा। कोर्ट ने यह भी माना कि सड़क पर वाहन चलाने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, और चालक को पूरी तरह से सतर्क रहना चाहिए।

नई लाइसेंसिंग व्यवस्था की आवश्यकता

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के जरिए एक ठोस और स्थिर लाइसेंसिंग व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया। अदालत ने कहा कि मौजूदा लाइसेंसिंग प्रणाली में कई खामियां हैं, और इसे सुधारने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने की जरूरत है। अटॉर्नी जनरल ने भी अदालत को आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में आवश्यक संशोधन करेगी। इस फैसले से न केवल LMV लाइसेंस धारकों को राहत मिली है, बल्कि यह बीमा कंपनियों, ट्रांसपोर्ट और सड़क सुरक्षा को लेकर एक ठोस दिशा में सुधार की शुरुआत भी हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय में सड़क सुरक्षा के साथ-साथ सड़क दुर्घटनाओं के कारणों पर भी एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया। कोर्ट ने यह माना कि सड़क सुरक्षा एक वैश्विक चुनौती है और इसके समाधान के लिए हमें समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। कोर्ट ने सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं, जैसे सीट बेल्ट, नशे में वाहन चलाना, और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर भी ध्यान दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने सरकार से इस दिशा में उचित कदम उठाने का आग्रह किया।

अब LMV लाइसेंस धारकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण राहत है, क्योंकि उन्हें अब 7500 किलोग्राम तक के ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने की अनुमति मिल गई है। इसके साथ ही, बीमा कंपनियों के लिए यह फैसला एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वे दुर्घटना होने की स्थिति में LMV लाइसेंस धारकों को क्लेम देने से मना नहीं कर सकतीं। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश हल्के वाहन चालकों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और इससे सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।