नई दिल्ली: UFO के किस्से आए दिन सुनने को मिलते रहते हैं। कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जिन पर लोगों को आसानी से यकीन नहीं होगा। UFO से जुड़ी कुछ घटनाएं ऐसी भी सुनने को मिली हैं जिनके बारे में कभी कोई खुलासा हुआ ही नहीं। ऐसी ही एक घटना अमेरिका में 24 मार्च, 1967 को मोंटाना में माल्मस्ट्रॉम वायु सेना अड्डे पर हुई जहां ड्यूटी पर वायुसेना के अधिकारियों को एक नारंगी की डिस्क के आकार की यूएफओ नज़र आई, ये यूएपओ एयरफोर्स के बेस की गेट के नज़दीक दिखाई दिया। इस घटना को उससमय तो दबा लिया गया था लेकिन 56 साल पुरानी इस घटना की दोबारा जांच के आदेशदे दिए गए हैं। उस वख्त ड्यूटी पर तैनात वायु सेना के कुछ अधिकारियों ने ये भी दावा किया था कि नज़र आने वाले यूएफओ ने सेना के 10 परमाणु हथियारों को डिएक्टिवेट कर दिया था।
UFO ने 10 परमाणु हथियारों को किया था डिएक्टिवेट
इस घटना की जांच के लिए अमेरिकी सरकार ने एक जांच दल गठित किया था, उस दल में रॉबर्ट सालास भी शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा की घंटी बजने के कुछ सेकेंडों बाद ही बेस पर मौजूद सभी 10 परमाणु मिसाइलें निष्क्रिय हो गईं थीं। और इन परमाणु मिसाइलों को हमला योग्य बनाने में कई घंटों का समय लगा था। बाद में मिसाइलों के ऑटोमैटिक डीएक्टिवेट होने की घटना की अमेरिकी सेना ने जांच कराई और उसकी रिपोर्ट भी फाइल की गई, पर इन मिसाइलों के डिएक्टिवेट होने की जांच रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई।
जांच रिपोर्ट को अमेरिकी वायु सेना ने दबा दिया था
सालास और उनके सहयोगियों से एयर फोर्स की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पूछताछ की। पर प्रत्यक्ष दर्शियों से इस मामाले को उजागर नहीं करने के लिए बॉन्ड भराया गया था। प्रत्यक्षदर्शी 82 वर्षीय सालास से पूछतांच की गई। दशकों बाद हो रही जांच से वे काफी खुश हैं। उन्होंने बताया कि मेरे बयान पहले तरजीह नहीं दी गई सरकार ने उसे दबा दिया था।
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सालास की दिली इच्छा थी कि 50 से जो उनके सामने घटना घटी वह वो सार्वजनिक हो। उन्होंने कहा कि, ‘मेरे लिए यह बातचीत एक बड़ी राहत बनी है। वे बड़े उदार थे। उन्होंने ध्यान से सुना। मैंने उन्हें माल्मस्ट्रॉम की घटनाओं पर एक पूरी रिपोर्ट दी। मैं जितना कह रहा था उससे कहीं अधिक आश्वस्त हूं कि वे एक ईमानदार प्रयास करने की कोशिश कर रहे हैं।“ उन्होंने कहा कि, “देशभक्तों के सामूहिक योगदान और सरकारी हित और निवेश का मौजूदा स्तर उन सवालों के जवाब देगा जो हमारे देश के नागरिक इतने लंबे समय से मांग रहे हैं।“