Kartik Purnima 2024 : देव उठनी एकादशी के बाद अब 15 नवंबर 2024 को कार्तिक माह की आखिरी कार्तिक पूर्णिमा आने वाली है। कार्तिक माह में वैसे तो हर एक दिन का विशेष महत्व माना गया है। जिसके साथ हिंदू धर्म में इस पूर्णिमासी को भी एक बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे देव धरती पर कर गंगा स्नान करते हैं इसलिए लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह नहाधोकर शाम को नदी-सरोवर में दीपदान कर दिवाली मनाएगें। कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता हैं. माना जाता है कि इस दिन किए गए धर्म-कर्म से अक्षय पुण्य मिलता है, जिसका असर आपके जीवन में सालभर रहता है।
कार्तिक पूर्णिमा का शिव से संबंध
कार्तिक मास की पूर्णिमा को देव दिवाली के अलावा त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान की पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था, जिसको लेकर पूरे देवतागणों ने मिलकर दीप जलाकर अपनी खुशियां मनाई थीम। आर आज भी काशी में आकर भगवान दीवाली मनाते हैं। तब से लेकर आज तक ये परंपरा काशी में देखने को मिल रही हैं।
दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु मत्स्य अवतार में नदी में वास करते हैं। माना जाता है कि कार्तिक मास पूर्णिमा तिथि के गंगा तट पर दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है. साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
कार्तिक पूर्णिमा पर करें गंगा स्नान
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट पर स्नान करना अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. अगर आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें।