नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर बैसे तो बादलों के बीच दिखती आकृति को भगवान के कई रूपों से जोड़कर एक खबर बना देते है। लेकिन कल के दिन में दिखने वाला चांर का यह रूप काफी दुर्लभ था। कल के दिन पूरे देश के लोगों ने इस अद्भुत नजारे को देखा। जहां पर चांद के नीचे एक चमकते हुए तारे को देखा गया। देर रात इस अद्भुत नजारे को आसमान में जिस किसी ने भी देखा सोचने को मजबूर हो गया। चांद के नीचे की नीचे इस चमकते हुए तारे का दिखना किस कारणों से है।
यह अद्भुत नजारा आसमान में काफी देर तक देखने को मिला। लोगों ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की।
आम लोग बोले हुआ है चमत्कार
आसमान में चांद के नीचे दिखते चमकते तारे को देख लोग तरह तरह की बाते करते आ रहे हैं। कोई इसे खगोलीय घटना बता रहा है। तो कोई इसे धार्मिक नजरिए से देखते हुए मां दुर्गा का चमत्कार बता रहा है। तो कोई रमजान के महीने में अल्लाह का चमत्कार बता रहा है।
चाँद के पास है एक सितारा
आसमान में चांद के नीचे चमकता सितारे को आम आदमी से लेकर राजनेता भी कमेट्स करने से नही चूक रहे हैं। चमकते तारे को देख अब सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ने भी इस तस्वीर को शेयर करते हुए अपने ट्विटर पर लिखा है कि “चाँद के पास एक सितारा है बहुत ख़ूबसूरत ये नजारा है”।
वैज्ञानिक कारण
हालांकि वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कारण बताया कि इस तरह का नजारा कभी-कभी देखने को मिलता है। यह शुक्र ग्रह पर ग्रहण की एक खगोलीय घटना है। जिसे शुक्रवार की शाम 6.30 बजे से रात 9 बजे के बीच आसमान पर देखा गया। इस घटना को लूनर ऑक्यूलेशन और वीनस कहते हैं।
दरअसल आसमान पर दिखने वाला यह नजारा ग्रहण जैसा है। जिसमें पृथ्वी, चंद्रमा और शुक्र ग्रह एक सीध में आ जाते हैं। अपनी कक्ष में घूमते हुए शुक्र जब चंद्रमा और पृथ्वी के ठीक सामने आता है तो उस दौरान शुक्र चंद्रमा के नीचे दिखाई देता है। खगोलशास्त्री के अनुसार इससे पहले यह इस तरह का नजारा 2020 में देखा गया था। अब 2035 में दिखाई देगा।
इस घटना को लेकर जानकारों का मानना है कि चमकतेे हुए शुक्र की दूरी अठ्ठारह करोड़ बावन लाख किलो मीटर थी जो माइनस 3.98 मैग्निट्यूड से चमक रहा था। इसके साथ ही चंद्रमा की दूरी 3 लाख 79 हजार किलोमीटर के करीब की बताईी जा रही हैं।