नई दिल्ली: देशभर में 14 फरवरी को बसंत पंमची का खास त्योहार मनाया जा रहा है। यह दिन कला और विद्या की देवी मां सरस्वती को समर्पित करने वाला दिन है। मां सरस्वती को खुश करने के लिए धरती भी पीले रंग बिरंगे फूले से लहलहाने लगती है। जिसे देख वीणावादिनी मां सरस्वती संसार के अज्ञान के अंधकार से दूर कर उजाले की ओर ले जाती है।
यदि आप भी मां सरस्वती को खुश करके अपने संकटो से मुक्त होना चाहते हैतो बसंत पंमची पर मां सरस्वती के ये पांच दिव्य मंत्र आपके बड़े काम आ सकते हैं।
मां सरस्वती के दिव्य मंत्र
- यदि आप पढ़ाई के अलावा नौकरी के लिए परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहे हैं तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मंत्र ”शारदायै नमस्तुभ्यं मम ह्दये प्रवेशनि, परीक्षायां उत्तीर्णं सर्व विषय नाम यथा” जैसे मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। इस मंत्र का जाप करने से मन में एकाग्रता आती है और स्मरण शक्ति तेज होती है।
- यदि किसी बच्चे को बोलने में दिक्कत होती है बोलते समय हकलाता है तो इसके लिए स्वरकोकिला मां सरस्वती का एक कारगर मंत्र है। जिसे बसंत पंचमी के दिन ”ऊं ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नम:” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से आपके बच्चा कुशल वक्ता बन सकता हैं।
- यदि आप कला, संगीत में रूचि रखते है।तो बसंत पंचमी के दिन ”श्रीप्रदा ॐ श्रीप्रदायै नमः” मंत्र का जाप करते हुए वीणावाधिनी मां सरस्वती की पूजा करें। इस मंत्र का जाप करने से मां देवी खुश होती है।
- यदि आप करियर, कारोबार के अलावा नौकरी जैसी समस्या से परेशान है तो मां सरस्वती के ”पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः” मंत्र का जाप करें। इस गुप्त मंत्र को बसंत पंचमी के दिन 108 बार करने से आपकी सारी समस्याएं पल में दूर हो जाएंगी।
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करने के लिए आप सबसे पहले श्वेत आसन पर बैठें और दो मुखी दीपक लगाकर देवी सरस्वती का स्मरण करें।
मां सरस्वती की वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥