नई दिल्ली। पूरे साल में कार्तिक का महिना काफी शुभ माना जाता है। जिसमें हर दिन का विशेष महत्व होता है। दीपावली के खत्म होन के बाद शुक्ल की नवमी तिथि को अब अक्षय या आंवला नवमी मनाई जाने वाली है, जो आज यानि10 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं, और आवेले के पेड के नीचे पूजा करके दान आदि करना बेहद शुभ माना जाता है।
इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है। क्योकि इसमें भगवान विष्णु का वास होता है।कहा जाता है कि अक्षय नवमी के दिन ही विष्णु जी ने दैत्य कुष्मांडक का खात्मा किया था।
श्रीकृष्ण ने कंस वध करने से पहले अक्षय नवमी के दिन ही इस वन की परिक्रमा की थी। इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
आंवला नवमी के दिन विधि विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके लिए सुहागन महिलाओं को सुबह नहाधोकर साफ कपड़े पहनने के आंवला वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इस दिन वृक्ष के जड़ में जल, दूध, अक्षत, सिंदूर और चंदन लगाकर फूल के साथ वृक्ष में कलावा बांधना चाहिए। इसके बाद श्रीहरि के मंत्रों का जाप करके वृक्ष की परिक्रमा करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु काफी प्रसन्न होते है। आंवला नवमी के दिन कद्दू, वस्त्र और स्वर्ण आदि का दान करना सबसे शुभ माना जाता है. आप अपने सामर्थ्यनुसार गरीबों में इन चीजों का दान कर सकते हैं.
आंवला नवमी के दिन कद्दू, पीले वस्त्र और स्वर्ण आदि का दान करना सबसे शुभ माना जाता है।