ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर एक ग्रह निश्चित समय के बाद राशि परिवर्तन करते हैं। जिसका असर सभी राशियों पर पड़ता है। ऐसे ही गुरु बृहस्पति लगभग 13 सालों के बाद राशि परिवर्तन करते हैं और इनके संचरण का प्रभाव वास्तव में महत्वपूर्ण माना जाता है।
बता दें कि मई 2025 में जब गुरु बृहस्पति वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तो इसका विशेष प्रभाव कन्या, तुला और वृष राशि के जातकों पर पड़ने की संभावना है।
कन्या राशि:
कन्या राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यंत शुभ हो सकता है। गुरु के मिथुन राशि में प्रवेश से इनके दशम भाव में स्थित होगा, जो कैरियर और सामाजिक प्रतिष्ठा का घर है। इससे व्यावसायिक जीवन में उन्नति की संभावना बढ़ेगी। नौकरी में पदोन्नति या नए अवसर मिल सकते हैं। साथ ही, आर्थिक स्थिति में भी सुधार आ सकता है। कन्या राशि के लोगों को अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने का अच्छा अवसर मिलेगा।
तुला राशि:
तुला राशि के जातकों के लिए गुरु का यह संचरण नवम भाव में होगा, जो भाग्य और उच्च शिक्षा का घर है। इससे विदेश यात्रा के योग बन सकते हैं। उच्च शिक्षा या प्रशिक्षण के लिए नए अवसर मिल सकते हैं। आध्यात्मिक और दार्शनिक विषयों में रुचि बढ़ सकती है। इस समय तुला राशि के लोगों को अपने ज्ञान और अनुभव को बढ़ाने का सुनहरा मौका मिलेगा। साथ ही, भाग्य का साथ मिलने से लंबे समय से अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं।
वृष राशि:
वृष राशि के जातकों के लिए गुरु का मिथुन राशि में प्रवेश द्वितीय भाव में होगा, जो धन और परिवार का घर है। इससे आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार आ सकता है। नए निवेश के अवसर मिल सकते हैं। व्यापार में विस्तार या नए व्यावसायिक संबंध बन सकते हैं। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बढ़ेगी। वृष राशि के लोगों को अपनी वाणी और संचार कौशल पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस समय उनकी वाक्पटुता में वृद्धि होगी।