ग्रहों के बदलने से कभी हमें लाभ होता है तो कभी भारी नुकसान भी उठाना पड़ता है। वैदिक ज्योतिष में मायावी ग्रह कहलाए जाने वाले राहु को कठिन भाषण, जुआ, बुरे कर्मस त्वचा संबधी समस्याएं और धार्मिक यात्राओं का कारक माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार माना जाता है कि राहु ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में होने वाली अचानक घटनाएं अशुभ समय का कारण बन जाती हैं, इसके अलावा यह ग्रह रात में डरावने सपनों का भी कारक होता है।
आपको बता दें कि यह मायावी ग्रह राहु फिलहाल मीन राशि में उपस्थित हैं और कुछ ही समय बाद यानि की मार्च में एक अन्य ग्रह शुक्र की भी आने की संभावना बन रही है।
इस तरह 12 साल शुक्र और राहु की युति मीन राशि में बनी रहेगी, जिससे कई अन्य राशियों पर प्रभाव पड़ने वाला है। एक तरफ जहां शुक्र के होने से धन का लाभ होगा तो वहीं दूसरी तरफ राहु कई राशियों को टेंशन देने वाले हैं।
वर्टमान में राहु मीन राशि में विराजमान है, इस राशि पर वह 30 अक्टूबर को मेष राशि से आए थे। बता दें कि इस साल राहु राशि परिवर्तन नहीं करेंगे और मीन पर ही बने रहेंगे। राहु साल 2025 में अगला गोचर करेंगे। तो चलिए अब आपको राहु के गोचर से किन राशियों की चिंता बढ़ने वाली है उनके बारे में बताते हैं…
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राहु और शुक्र ग्रह की युति बनने से तीन राशियों वृष, मिथुन और धनु को लाभ होने वाला है। तो वहीं कुंभ, मीन और वृश्चिक राशि के जातकों का तनाव बढ़ सकता है।
राहु और शुक्र ग्रह की युति से वृष, मिथुन और धनु राशि के जातकों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारें में बात करते हैं। इन राशि के जातकों को किसी बड़े प्रोजेक्ट मिलने से अचानक धन का लाभ मिलने वाला है।