गणेश जी हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें प्रथम देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी का महत्व बहुत अधिक है, खासकर उनके विघ्न विनाशक के रूप में। गणेश जी की पूजा के दौरान दूर्वा (दूर्वा घास) का विशेष महत्व है।
गणेश जी को समस्त विघ्नों का नाशक और समृद्धि के देवता माना जाता है। उनकी पूजा विशेषकर नए कार्यों की शुरुआत, यात्रा, और नए उद्यमों में की जाती है। वे ज्ञान, समृद्धि, और सुख-समृद्धि के प्रतीक भी हैं।
दूर्वा का महत्व:
दूर्वा (दूर्वा घास) गणेश जी की पूजा में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह तीन प्रकार की घास की बंडल होती है, जिसमें तीन पत्तियाँ होती हैं। दूर्वा का रंग हरा होता है, जो हरियाली और शुद्धता का प्रतीक है।
दूर्वा चढ़ाने के लाभ:
विघ्न नाशक: दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन से सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं। यह माना जाता है कि दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है और वे सभी विघ्नों को दूर करते हैं।
धन और समृद्धि: दूर्वा चढ़ाने से आर्थिक समृद्धि और धन के लाभ की प्राप्ति होती है। यह माना जाता है कि दूर्वा के माध्यम से गणेश जी की पूजा करने से घर में समृद्धि और संपत्ति आती है।
शांति और सुख: दूर्वा चढ़ाने से घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह विशेष रूप से परिवार में शांति बनाए रखने और आपसी रिश्तों को सुधारने में सहायक होता है।
धार्मिक लाभ: गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से धार्मिक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह पूजा विधिपूर्वक और श्रद्धा से की जाती है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
बुधवार को दूर्वा चढ़ाने से लाभ:
बुधवार का दिन गणेश जी के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से विशेष लाभ होता है और दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
इस दिन दूर्वा की माला चढ़ाने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और यह माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और अर्चना से संपूर्ण सप्ताह की पूजा का फल प्राप्त होता है।