नई दिल्ली: हमारे देश में ऐसे कई पुरातात्विक मंदिर है जो रहस्यों से भरे हुए है इस रहस्य को सुलझाने में साइंस भी पीछे हट गया है। ऐसा ही एक रहस्त छिपा है भारत में एक शिव मंदिर में, जहां पर विराजित नंदी की प्रतिमा का रूप लगातार बढ़ते जा रहा है। आइए जानते है इस रहस्यमयी शिव मंदिर के बारे में..
भारत के रहस्यमयी शिव मंदिर में से एक माने जाने वाला श्री यागंती उमा महेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 15 वीं शताब्दी में संगमा राजवंश के राजा हरिहर बुक्का ने किया था। इस मिंन में शिव जी की पर्तिमा के साथ मौजूद नंदी की प्रतिमा इन दिनों काफी चर्चा में है।
मंदिर में स्थित नंदी की प्रतिमा कीरूप लगातार बढ़ते जा रहा है। यह प्रतिमा करीब 20 साल से एक- एक इंच बढ़ती ही जा रही हैजिसके चलते मंदिर के कई स्तंभ भी हटाने पड़ गए हैं।
कहते हैं जब इसे विराजमान किया गया था तब इसका रूप काफी छोटा था लेकिन अब इसकी आकृति के लगातार बढ़ने से रूप विकराल हो गया है। पुरातन विभाग ने जब इसका रिसर्च किया तो शोध में पाया गया है कि नंदी की प्रतिमा ऐसे पत्थर से बनाई गई है, जो धीरे धीरे फैलती है।
बताया जाता है प्राचीन काल में ऋषि अगस्त्य इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर को विराजमान करना चाहते थे लेकिन मंदिर में मूर्ति की स्थापना के समय मूर्ति के पैर का अंगूठा टूट गया। जिसके बाद ऋषि अगस्त्य ने भगवान शिव की तपस्या की। उसके बाद भगवान शिव के आशीर्वाद से अगस्त्य ऋषि ने उमा महेश्वर के साथ नंदी की स्थापना की थी।
इस मंदिर में विराजमान नंदी के मुख से लगातार जल बहता रहता है इस जल से एक तलाब बना है जिसका नाम पुष्करिणी तालाब है। नंदी के मुख से जल कहां से आता है यह भी एक रहस्य बना हुआ है