नई दिल्ली: केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से रेलवे में लगातार बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। अब एक और फैसला आया है जो रेलवे से वीआईपी कल्चर को समाप्त करने वाला माना जा रहा है। रेल मंत्रालय का नया फैसला ये है कि अब अधिकारियों के टेबल से घंटी हटाई जा रही है। मंत्रालय ने तो इस फैसले को लागू कर दिया गया है। फैसले के मुताबिक अब ऑफिस में अटेंडेंट को बुलाने के लिए घंटी की बजाय अधिकारी खुद उठ कर अटंडेंट को बुलाएंगे और अधिकारियों के व्यस्त रहने पर वे फोन के माध्यम से अटेंडेंट को बुला सकते हैं। रेल मंत्रालय का ये फैसला मंत्री सेल में लागू हो गया है अब आगे जल्द ही रेलवे बोर्ड में भी ये लागू हो सकता है।
रेल कोच में भी होंगे बदलाव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल मंत्रालय संभालने के बाद से लगातार बड़े बदलाव करते आ रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने रेल कोच को लेकर बड़ा फैसला लिया था। रेलवे के आधुनिकीकरण के साथ-साथ बीमार यात्रियों के लिए रेलवे बेहतर सेवाएं देने की तैयारी में है। इसके लिए रेल की डिजाइन और उसकी रफ्तार पर लगातार काम हो रहे हैं। प्लेटफॉर्म से लेकर ट्रेन के डिब्बों तक की सफाई में बड़े बदलाव हुए हैं।
रेल मंत्री ने बीते दिनों राज्यसभा में ये जानकारी दी थी कि सभी रेलवे स्टेशनों और यात्री ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाएं, उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ मेडिकल बॉक्स उपलब्ध रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसे और सुचारु रूप देने के लिए ट्रेन के फ्रंट लाइन स्टाफ यानी टिकट परीक्षक, ट्रेन गार्ड एवं अधीक्षक, स्टेशन मास्टर सहित पूरे स्टाफ को प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दिलाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों से नजदीकी अस्पतालों और डॉक्टरों की कनेक्टिविटी के साथ मोबाइल नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे।
दिल्ली-एनसीआर से चलने वाली रैपिड रेल के आखिरी कोच में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है। यदि किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था की गई है, ताकि आसानी से कम कीमत पर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके।