Electric Scooter Subsidy : दोस्तों अगर आपने हाल ही में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा है और उस पर विद्युत वाहन सब्सिडी भी प्राप्त की है, तो आपको विद्युत वाहन सब्सिडी के पैसे वापस लोटाने पड़ सकते हैं। क्योंकि विद्युत वाहन निर्माता कंपनियों के संघ ने उद्योग मंत्रालय को एक पत्र लिखकर ग्राहकों से सब्सिडी को वापस लेने की अनुमति के लिए अनुरोध किया है। इस समूह में हीरो इलेक्ट्रिक, बेनलिंग, और एमो मोबिलिटी जैसी सात कंपनियाँ शामिल हैं।
वास्तव में, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर उत्पादक सात कंपनियों पर चल रही जांच में प्रकट हुआ है कि ये कंपनियाँ फेम-2 योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार से मिली सब्सिडी का गलत तरीके से उपयोग किया था। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए 469 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
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मामला क्या है?
केंद्र सरकार देशभर में स्थानीय रूप से निर्मित इलेक्ट्रिक स्कूटरों पर फेम-2 स्कीम के अंतर्गत सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होता है। यह सब्सिडी केवल उन वाहनों को मिलती है जिनमें देशभर में उत्पादित घटकों का उपयोग होता है। हालांकि, केंद्र सरकार की जांच समिति ने खोजा कि कुछ कंपनियां विदेशों से आयातित घटकों का उपयोग कर रही थीं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ये कंपनियां फेम-2 स्कीम की सब्सिडी नीति का उल्लंघन करके दोपहिया वाहनों की बिक्री की थी। इस मामले में, सात कंपनियों को कुल 469 करोड़ रुपये की राशि वापस करने का आदेश दिया गया है।
कंपनियाँ अपने ग्राहकों से सब्सिडी की राशि की वापसी का अनुरोध कर सकती हैं।
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता समूह (SMEV) ने भारी उद्योग मंत्रालय को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि कंपनियों को उनके ग्राहकों से सब्सिडी राशि की वापसी की अनुमति दी जानी चाहिए। इस पत्र में आगे भी कहा गया है कि यह आपके ग्राहकों पर निर्भर करेगा कि वे अपने दोपहिया वाहन के एमआरपी पर लागू होने वाले छूट को वापस करते हैं या नहीं। इस पत्र में यह भी उल्लिखित है कि निर्माताओं (ओईएम) द्वारा की गई 1,200 करोड़ रुपये की दावा प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है। सरकार ने इन निर्माताओं के प्रति कार्रवाई करने के साथ-साथ उन्हें FAME-2 स्कीम से हटाने का आदेश जारी किया है।