नई दिल्ली: राजधानी जयपुर के प्रसिद्ध रावत मिष्ठान भंडार के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ने के बाद से यहांका बाजार गर्म है। सर्वे किया है. गणपति प्लाजा के निजी लॉकर में लाखों रूपए मिलने के अलावा बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के कागजात और अन्य दस्तावेज पाए गए है।अब आयकर विभाग की टीम रावत मिष्ठान भंडार से जुड़े लोगों से गहरी पूछताछ करने में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार रावत मिष्ठान भंडार की ओर से विभाग को आय को लेकर गलत जानकारी दी जा रही थी। जिसके बाद से विभाग की 50 से अधिक अधिकारियों की टीम ने जोधपुर में 2 जगह पर और जयपुर में 4 जगह पर सर्वे करना शुरू कर दिया है। इतना ही नही जोधपुर के अलावा मथानिा रामपुरा में भी 20 से अधिक आयकर अधिकारी व कर्मचारी टीम सर्वे कर रही है।
आरोप प्रमाणित होने पर टीम सर्वे करने पहुंची:
मिष्ठान व्यापारी के बारे में आईटी को लगातार मिल रही शिकायतों के चलते ही आईटी की टीम इस मामले की जांच करने पहुंची। जिसमें पता चला है कि अकाउंट्स में करोड़ों रूपयों का हेरफेर किया गया है। पहले इनकम टैक्स की टेक्निकल टीम ने पहुंचकर पूरे अकाउंट छाने है।
हर साल दिखाया गया नुकसान
आईटी के द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि विदेसों से मगवाए गए सॉफ्टवेयर की मदद से डाटा को ऑटो डिलीट करने के बाद ग्रुप संचालकों द्वारा रिटर्न में हर साल कारोबार में नुकसान दर्शाया गया है।अब IT द्वारा सॉफ्टवेयर स्पेशलिस्ट से पूरा रिकॉर्ड रिकवर करवा जा रहा है। जयपुर और जोधपुर में ग्रुप संचालकों के प्रतिष्ठानों पर सेल्स और बिक्री के सारे रिकार्ड जो ऑटो डिलीट हुए है उन्हें भी विशेषज्ञों द्वारा रिकवर किया जा रहा है. गौरतलब है कि रावत मिष्ठान भंडार की कचोरियों से लेकर कई अन्य खाद्य सामग्री राजस्थान से लेकर देश-विदेश में भेजी जाती रही हैं. इस बिक्री में ग्रुप संचालकों को अच्छी खासी कमाई भी होती है, लेकिन कारोबार ने हमेशा से इसका रिटर्न को घाटे ही दर्शाया गया है।