नई दिल्ली। Car Loan : मार्केट में पेश किए जाने वाले शानदार फीचर्स के फोरव्हीलर अपने लुक से हर किसी का दिल असानी से आकर्षित कर लेते है। जिसके चलते इसकी कीमतें भी ज्यादा देखने को मिलती है। कार लेते समय इसके बढ़ते बजट के चलते लोग कार लोन लेते है। जिसके लिए व्यक्ति ता सिविल स्कोर देखा जाता है। लेकिन यिसके लिए यह बात सामने आती है कि लोन लेने के लिए किस तरह का सिबिल स्कोर (CIBIL Score) का होना जरूरी होता है।

कार लोन लोते समय व्यक्ति का सिबिल स्कोर कार लोन देने वाले की पॉलिसी पर निर्भर करता है कि वह कितने सिबिल स्कोर पर लोन मुहैया कराता है. केवल सिबिल स्कोर ही नहीं, आय, कर्ज, नौकरी की स्थिरता, और डाउन पेमेंट के अमाउंट इत्यादी को देखते हुए उस पर इंटरेस्ट रेट तय किया जाता है।

इसके लिए हर कपंनी की नियम अलग अलग होते है। लोन देने वाली ज्यादातर संस्थाएं 700 से ऊपर के सिबिल स्कोर को सबसे बेहतर मानती हैं। जिसका स्कोर 700 से ऊपर का होता है तो इससे यह बात सामने आती है कि व्यक्ति लोन चुकाने की इच्छा रखता है।

कितनी होती है ब्याज की दर

यह बात जान लेना जरूरी होता है कि जैसा आपको सिविल स्कोर होगा वैसा कपंनी आपके लोन पर ब्याज लगाती है। अलग-अलग कंपनियां अपने हिसाब से ब्याज दर तय करती हैं। यदि किसी का सिबिल या क्रेडिट स्कोर ज्यादा है तो उसे कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता है.। और जिसका कम है तो उससे ज्यादा ब्याज लिया जाता है। यदि आपका क्रेडिट स्कोर 700 से कम है, आपको कार लोन तो मिलेगा, लेकिन आपकी ब्याज दर ज्यादा देखने को मिल सकती है।

कम हो सिबिल स्कोर तो क्या करें?

यदि आपका सिबिल स्कोर कम है तो इसे सुधारने के लिए आपको इसे ठीक करने के प्रयास करने चाहिए।