नई दिल्ली। भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में TATA हमेशा से सफल साबित हुई है। परिवार के साथ लंबी यात्रा करने के लिए यह कार सबसे विशवस्नीय मानी जाती है। लोगों के पसंद के सात पने यूजर्स की सहूलियत को देकते हे टाटा ने अपनी छोटी सी लखटकिया कार को भी पेश कर दिया है। जिसे हर किसी ने काफी पसंद किया है।
इस कार को पेश करने का सपना रंतन टाटा का काफी समय से रहा है। क्योकि गरीब तबके लोगों के पास यह कार हो, इसके लिए टाटा मोटर्स कंपनी ने टाटा नैनो को काफी कम कीमत के साथ पेश किया है।
रतन टाटा ने नैनो को लेकर साझा किया किस्सा
Ratan tata के द्वारा लॉच की जाने वाली इस कार का मकसद ही यही था कि यह कार हर वर्ग के लोगो के लिए वरदान बनकर साबित हो। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए रतन टाटा ने स्कूटर को कार में तब्दील करके से कार का रूप दे दिया। अब इस कार में बैठकर पूरा परिवार एक साथ अराम के साथ सफर कर सकता है।
Alto से भी कम कीमत के साथ पेश हुई TATA Nano उन आम लोगो के लिए सबसे खास थी जो कार खरीदने का सपना देखते है, लेकिन खरीदने में सक्षम नहीं है। हालांकि, रतन टाटा का यह सपना उस समय चकनाचूर हो गया जब BS-IV उत्सर्जन मानदंड लागू हुआ, जिसके बाद नैनो कार को बंद करने का फैसला किया गया। टाटा नैनो के बंद होने के बाद गरीबों की कार के टैग या लखटकिया कार के नाम को हीन भावना से जोड़ कर देखा। यही वजह है कि नैनो कार फ्लॉप हो गई।