रविवार को नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि केंद्र में भाजपा की चौथी बार सरकार बनने की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के प्रमुख रामदास अठावले अगली सरकार में मंत्री जरूर बनेंगे।

इस टिप्पणी के दौरान अठावले भी मंच पर मौजूद थे। गडकरी ने कहा, “मैं केवल मजाक कर रहा था,” और यह बात हंसते हुए कही। कार्यक्रम का आयोजन रामदास अठावले को बाबा साहेब अंबेडकर पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए किया गया था।

अठावले मौसम वैज्ञानिक हैं

अठावले ने अपने भाषण में बताया कि उन्हें तीन बार केंद्र में मंत्री पद मिल चुका है और अगर सरकार बनती है तो वह चौथी बार भी मंत्री बनना चाहेंगे। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने कहा कि अठावले ‘मौसम वैज्ञानिक’ हैं, जो राजनीति की दिशा पहले से ही भांप लेते हैं। अठावले की मजाकिया और बेबाक शैली के कारण वे संसद में अक्सर चर्चा में रहते हैं।

गड़करी ने अठावले की सरहाहना की

गडकरी ने अठावले की सराहना करते हुए कहा, “रामदास अठावले ने दलित और वंचित वर्ग के लोगों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है। मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना करता हूं। उन्होंने समाज के लिए बहुत योगदान दिया है, और मैं उनके प्रयासों की सराहना करता हूं।”

अठावले ने मराठा आरक्षण की बात की

कार्यक्रम में रामदास अठावले ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि मराठा नेता मनोज जरांगे की मांगें वाजिब हैं, लेकिन राज्य सरकार के पास इसे पूरा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि मराठा समुदाय के लिए एक अलग श्रेणी बनाई जानी चाहिए ताकि उनकी मांगों का समाधान हो सके।

संविधान में संशोधन जरूरी

अठावले ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी की ओर से 10 से 12 सीटों की मांग भी की। उन्होंने विशेष रूप से चंद्रपुर सीट की मांग की है। अठावले ने यह भी कहा कि जो लोग संविधान का सम्मान नहीं करते, उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है। संविधान में किसी भी तरह के बदलाव का मतलब संविधान को खत्म करना नहीं है, बल्कि समय-समय पर उसमें संशोधन जरूरी हैं ताकि देश की सामाजिक संरचना को मजबूत किया जा सके।