हिंदू धर्म में वास्तु को काफी ज्यादा माना जाता है.नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही हमारे जीवन को प्रभावित करती है. यदि किसी भी घर में वास्तु से संबंधित समस्या होती है, तो वहां बीमारी, धन हानि मनमुटाव और विवाद होते रहते है.
आप वास्तु उपाय करके बीमारी,धन हानि, विवाद और अन्य रोगों को रोक सकते है. घर में यां ऑफिस में आप वास्तु उपाय करके अपना जीवन आसान कर सकते है. और जिंदगी में खुशियां ला सकते है.
हिंदू धर्म में स्वास्तिक का काफी महत्व होता है. कोई भी कार्य यां कोई भी नई चीज़ आने पर लोग स्वास्तिक बनाते है. इसे श्री गणेश का भी प्रतीक कहा जाता है.लोग अपने घर के द्वार पर स्वास्तिक बनाते है.सुख, समृद्धि,और धन के लिए लोग इसे द्वार पर बनाते है.
स्वास्तिक एक तंत्र है.जैसे ओम को मंत्र के रूप में माना जाता है. ऐसे ही स्वास्तिक को भी तंत्र के रूप में माना जाता है. स्वास्तिक दो शब्दों से बना है. सु का अर्थ है ‘शुभ’ और अस्स्ति का अर्थ है ‘होना ‘. यानी कि शुभ होना यानि कल्याण हो.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक सिंदूर से मेन गेट पर स्वास्तिक बनाना चाहिए, 9 उंगली लंबा और 9 उंगली चौड़ा होना चाहिए.
खास बातें ध्यान में रखकर बनाए
गेट पर स्वास्तिक सिंदूर से ही बनाए.याद रहे दरवाजे पर धूल मिट्टी ना हो.
स्वास्तिक बनाने के बाद याद रहे उसके आसपास जूते चप्पलों का ढेर ना लगे.
घर के आंगन के बीचो-बीच भी स्वास्तिक बनाया जा सकता है. कहा जाता है कि इससे, आंगन में पितृ निवास करते है.
उल्टा स्वास्तिक नकारात्मक चीजों को खींचता है.नकारात्मक चीजों को आकर्षित कर लेता है.और यह जान भी ले सकता है.घर में सब कुछ गलत गलत हो सकता है.इसीलिए स्वास्तिक को बिल्कुल सही तरीके से बनाए.