ट्रांसमिशन का कार्य गाड़ी के इंजन में आने वाली ऊर्जा को उसके पहियों तक पहुंचना होता है। इसके अलावा यह गाड़ी के इंजन की स्पीड को बदलकर गाड़ी को आवश्यक ऊर्जा तथा गति प्रदान करता है।
इस प्रकार से देखा जाये तो ट्रांसमिशन किसी भी वाहन के लिए एक आवश्यक ऑटोमोबाइल कम्पोनेंट होता है। गियर का उपयोग करके गाड़ी की स्पीड तथा टॉर्क को नियंत्रित करना ट्रांसमिशन का मुख्य कार्य होता है। आमतौर पर यह गाड़ी के दोनों पहियों को बदलते गियर बॉक्स के माध्यम से जोड़ता है। जिसके कारण आपको गाड़ी चलाने में आसानी होती है।
कई प्रकार के होते हैं ट्रांसमिशन
ट्रांसमिशन कई प्रकार के होते हैं। जैसे की मैनुअल ट्रांसमिशन, ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन, सीवीटी, डब्ल्यू-ट्रॉनिक आदि। ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के कई प्रकार होते हैं। जिनमें AMT, AT, iMT ट्रांसमिशन शामिल हैं। यहां नीचे हम आपको इन ट्रांसमिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहें हैं।
AMT ट्रांसमिशन
यह एक मैनुअल ट्रांसमिशन होता है जिसमें गियर चेंज करने के लिए कोई क्लच पैडल नहीं होता है। इसमें क्लच के कार्य को ऑटोमेटेड सिस्टम द्वारा किया जाता है। जिसके कारण आपको क्लच पैडल दबाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आपको सिर्फ गैस और ब्रेक पेडल का उपयोग करना होता है।
AT ट्रांसमिशन
यह एक पूरी तरह से ऑटोमेटेड ट्रांसमिशन होता है। इसमें गियर चेंज करने की प्रक्रिया खुद भी खुद होती है। इसमें आपको किसी भी क्लच पैदल की आवश्यकता नहीं होती है। आपको इसमें सिर्फ गैस तथा ब्रेक पैडल पर ध्यान देना होता है।
iMT ट्रांसमिशन
ट्रांसमिशन है। जो की मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ सामग्री बनाने का कार्य करता है। इसमें क्लच पैडल की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसमें गियर चेंज करने के लिए आपको लीवर को ऊपर या नीचे मूव करना होता है। लेकिन आपको क्लच पैडल दबाने की आवश्यकता नहीं होती है।