आपको बता दें की इस समय एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें आप एक महिला को एक साधु के बगल में बैठी हुई है। असल में यह महिला इस युवा साधु की मां है। महिला का यह बेटा 22 साल पहले अचानक खो गया था लेकिन अब यह साधु के वेश में मां से भिक्षा ग्रहण करने के लिए आया है। मां अपने बेटे को इतने साल बाद देख कर भावुक हो रही है। वह रो रही है क्योकि उसको पता है की वह शायद अपने बेटे से आखरी बार मिल रही है।

11 वर्ष की अवस्था में हुआ था गुम

जानकारी दे दें की इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया गया है। वीडियो के कैप्शन से पता लगता है की यह उत्तर प्रदेश के अमेठी का मामला है। साधु वेश में बैठे युवा योगी का नाम पिंकू है। साधु के पिता रतिपाल बताते हैं की 11 वर्ष की अवस्था में उनका बेटा अचानक गुम हो गया था। असल में उसकी मां ने उसको कंचे खेलने पर डांट लगा दी थी, जिसके बाद वह लापता हो गया था। परिजनों ने उस समय रिंकू की काफी खोजबीन की थी और गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।

साधु के वेश में लौटा रिंकू

अब पिंकू को अमेठी के खरोली गांव में देखा गया था। जब पिंकू ने ग्रामीण लोगों से अपने माता-पिता के बारे में पूछा तो लोगों ने उसको पहचान लिया। जिसके बाद माता-पिता को पिंकू के मिलने की सूचना दी गई और माता-पिता ने भी पिंकू को पहचान लिया। लेकिन इसके बाद में जो हुआ उसने इंटरनेट यूजर्स को भावुक कर दिया। असल में अब 22 साल बाद पिंकू अपनी मां से भिक्षा मांगने के लिए आया है।

आपको बता दें की धार्मिक संस्कारों के अनुसार एक तपस्वी को मठवासी के उच्च जीवन तक पहुंचने के लिए अपनी मां से भिक्षा ग्रहण करनी होती है। तब ही वह अपनी साधना में पूर्णता को हासिल कर पाता है। हालांकि पिंकू से उसके माता-पिता ने वापस न जाने की गुहार लगाईं लेकिन वह अब साधु बन चुका है। पिंकू की मां ने जब उसको रोकने के लिए भिक्षा न देने को कहा तो उसने कहा की वह अपने पैतृक घर की मिट्टी को भिक्षा के रूप में ग्रहण कर ले जाएगा। काफी समझाने के बाद भी पिंकू नहीं रुका और भिक्षा ग्रहण कर वापस लौट गया।

यूजर्स हुए भावुक

इंटरनेट पर यह वीडियो स समय काफी वायरल हो रहा है। यूजर्स इसको देखकर काफी भावुक हो रहें हैं। एक यूजर ने लिखा “जीवन अपने उद्देश्य को खोजने के लिए तरह तरह के रास्ते अपनाता है।” एक अन्य यूजर ने लिखा है की “11 साल की उम्र में गायब होना और अब संन्यासी बनकर आने के बाद मां की वेदना को शायद ही समझें।” एक और यूजर लिखता है की ” भावुक और आंसू लाने वाला दृश्य, वैराग्य प्रेम और गृहस्थ प्रेम के बीच का द्वंद।”