Rajasthan Election: मध्य प्रदेश में 17 को इलेक्शन है और इसी के साथ राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने है जिसके लिए प्रचार अभियान जोरों पर हैं. जी हाँ इसी बीच बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों में अंसुष्ट नेताओं को मनाने की कवायद तेज़ी से जारी है. बात यही खत्म नहीं होती है. इसी बीच कांग्रेस से बगावत कर राजस्थान के सूरसागर सीट से निर्दलीय नामांकन करने वाले रामेश्वर दाधीच ने अपना नाम वापस ले लिया है और तो और वो बीजेपी में शामिल भी हो गए. इस वजह से कांग्रेस को एक बहुत बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के साथ कहीं न कहीं हर बार ऐसा होता है.

राम मंदिर बनना है मोदी की देन

आपकी जानकारी के लिए बता दे दाधीच ही नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व दौसा जिला के अध्यक्ष विनोद शर्मा भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इतना ही नहीं जयपुर में पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, जिन्होंने भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के खिलाफ झोटवाड़ा से अपना पर्चा दाखिल किया गया था. वही पार्टी के आलाकमान से बातचीत के बाद उन्होंने भी अपना नामांकन वापस ले लिया है. असल में यह बीजेपी के लिए बहुत बड़ी राहत मानी जा रही है.

बता दे बीजेपी का दामन थामने के बाद जब उन्होंने मीडिया से बात की तो उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निर्णय लेने की क्षमता के वजह से ही भाजपा में शामिल हो गए है.. उन्होंने कहा है कि वो बहुत ही लंबे वक़्त से उनके काम से खुश है. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि अगर मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर का निर्माण नहीं हो सकता था. उन्होंने राम मंदिर का सारा श्रेय नरेंद्र मोदी को दिया.

बीजेपी के बागियों ने भी बढ़ाई मुश्किलें

यही नहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राजस्थान के प्रभारी प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद राजेंद्र गहलोत की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए है. वही शेखावत ने खुद कहा कि वो कांग्रेस और अन्य दलों के नेता भी भाजपा में शामिल हो रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नेता फर्जी वादों से तंग आ चुके हैं.