आपको पता होगा ही की हमारे देश में ऐसे बहुत से किसान लोग हैं। जिनके पास में कम जमीन है या वे खेती में सफल नहीं हो पा रहें हैं। इस प्रकार के किसान लोगों के लिए आज हम मछली पालन व्यवसाय लेकर के आये हैं। मछली पालन का व्यवसाय काफी अच्छी इनकम प्रदान करता है। यदि इस प्रकार के किसान लोग कार्प मछली का पालन करते हैं तो उनको काफी लाभ होता है। इन मछलियों का वजन जल्दी बढ़ता है तथा इन्हें पालना भी काफी आसान होता है। आइये अब हम आपको इन मछलियों के बीज संचयन के सही समय के बारे में बताते हैं।
बीज संचयन का समय
आपको बता दें की अप्रैल में बीज संचयन करने से मछलियों को 8 माह यानि अप्रैल से नवंबर तक का समय मिलता है। इससे मछलियों का विकास अधिक होता है तथा उत्पादन ज्यादा होता है। मछली पालकों को फिंगरलिंग साइज़ बीजों का संचयन करना चाहिए। इससे अधिक उत्पादन की सभावना होती है। आपको बता दें की कार्प मछली पालन करने का सही समय मार्च-अप्रैल में होता है। इस समय पर प्रति एकड़ 4000-5000 कार्प मछलियों को तालाब में बोया जाता है। इसके बाद में बची हुई मछलियों के बीजो को दोबारा संगृहीत किया जा सकता है। जिससे आने वाले समय में भी उत्पादन जारी रह सके।
इन बातों पर ध्यान दें
आपको बता दें की मछलियों का चयन करते समय विश्वसनीय स्रोत से ही बीज को खरीदना चाहिए। इससे उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलते हैं, जिससे हमें अधिक उत्पादन मिलता है। बीज को पैक करने से एक दिन पहले हमें उसको खाना बंद कर देना चाहिए ताकी उसका पेट पूरी तरह से खाली रहें। इस बात का भी ध्यान रखें की कार्प मछलियों के बीज का ढुलाई करने समय सुबह या शाम होना चाहिए ताकी उन्हें अधिक तापमान न झेलना पड़े।
अधिक तापमान में मछलियों के मरने का ख़तरा बढ़ जाता है। पैकिंग करते समय ध्यान रखें की मछलियों को किसी प्रकार की चोट न पहुंचें। इसके अलावा उनमें तनाव भी नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर मछलियां जल्दी बीमार हो जाती हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मछली के बीज को तालाब के नए वातावरण में ढालकर संचित करना चाहिए ताकी उनकी जीवित रहने की दर ज्यादा हो।