Home Loan EMI: आज कल कुछ भी खरीदना कोई आसान काम नहीं है. मकान खरीदने से लेकर गाडी तक का सपना भी लोग अबी लोन के जरिये ही पूरा कर रहे है. ऐसे में जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे वैसे लोन के ब्याज की दरें भी बढ़ने लगी है. दरें भी बढ़ती है तो लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है. दरअसल इसका सीधा असर मकान के पर पड़ता है.
ऐसे में अगर कर्ज सस्ता होगा तो लोन की किस्त कम आएगी और मकान के खरीदरों पर ईएमआई का बोझ भी कम होगा. इसी समस्या को देखते हुए अभी हाल है में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ब्याज दरों पर एक फैसला लिया है. इस फैसले को सुनने के बाद तो आपके होश उड़ जाएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दे आरबीआई ने इस तिमाही भी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर रखने का ऐलान किया है. जी हाँ आरबीआई के इस फैसले से जितने भी घर लेने वाले लोग है और यहाँ तक की रियल एस्टेट सेक्टर भी ख़ुशी से फुले नहीं समा रहे है. अब इससे हुआ ये है कि इस फैसले से होम बायर्स को होम लोन पर ईएमआई नहीं बढ़ने वाले है.
2 साल थी तेजी बरकरार
बता दे कि कई सारे लोगों से जब इस बारे में बात कि गयी तो उन लोगों ने बताया कि मार्केट में पिछले दो साल से रेजीडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर बहुत ही निगेटिव रही है. अब आरबीआई के फैसले से लोगों को थोड़ा राहत मिलेगा और बाजार से गर्माहट भी दूर होगी.
अब होगा सस्ता मकान
अभी हाल ही में अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल से जब इस बारे में बात कि गयी तो उन्होंने बताया कि कि रेपो दर को स्थिर रखने का जो फैसला आरबीआई ने लिया है वो बहुत ही सराहनीय है. ऐसा करने से जो इन्वेस्टर्स पीछे हट रहे थे वो अब पीछे नहीं हटेगी. साथ ही उनको खुद पर भरोसा भी आएगा. यही नहीं अगर लोन सस्ता होगा तो आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट भी तेज़ी के साथ होगी.