नई दिल्ली। राशनकार्ड के तहत दिए जाने वाले फ्री राशन का लाभ देश के कोरोड़ों लोग उठा रहे है। लेकिन इस योजना का लाभ वे लोग भी ले रहे है जो इस योजना के नियमों के अनुसार अपात्र है। अब ऐसे अपात्र व्यक्तियों को सबक सिखाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गिव-अप अभियान चलाया जा रहे है। जिसमें अपात्र लोगो को स्वेच्छा से अपना नाम हटाने की गिजारिश की जा रही है। जिला रसद अधिकारी नम्रता ने बताया कि इस अभियान के तहत आय करदाता, चौपहिया वाहनधारक, सरकारी कर्मचारी या अन्य आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को 31 जनवरी, 2025 तक की मोहलत दी जा रही है। जिससे वो इस योजना से अपना नाम हटा सकते हैं।
स्वेच्छा से हटवाएं अपना नाम
जो लोग आर्थिक रूप से मजबूत है। उन व्यक्तियों को इस योजना से अपना नाम हटाने के लिए अपने क्षेत्र की उचित मूल्य दुकान पर जाकर फॉर्म भरकर योजना से बाहर होना होगा। अधिकारी ने बताया है कि ऐसे व्यक्ति, जो इस योजना के अंतर्गत लाभ पाने के पात्र नहीं हैं, स्वेच्छा से अपना नाम हटवाएं ताकि दूसरे जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके।
अपात्रों पर होगी सख्त कार्रवाई…
इस योजना के तहत जो लोग 31 जनवरी, 2025 तक अपना नाम नहीं हटाते है ऐसे अपात्र व्यक्तियों पर खाद्य विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्तियों से उनके द्वारा लिए गए अनाज का बाजार मूल्य के हिसाब से पैसा वसूल किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
बढ़ाई गई एलपीजी आईडी मैपिंग की अंतिम तिथि
खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत गरीब तबके के लोगों के लिए रकार 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर मुहैया कर रहा है। इसके लिए लाभार्थियों को एलपीजी आईडी मैपिंग कराना जरूरी है जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दी गई है। जिला रसद अधिकारी ने बताया कि लाभार्थियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी एलपीजी आईडी, आधार नंबर और परिवार के सदस्यों की जानकारी उचित मूल्य दुकानों पर मशीन के माध्यम से सीड की जाए. साथ ही, ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना भी अनिवार्य है.
जरुरतमंदों को मिलेगा योजना का लाभ…
सरकार का उद्देश्य इस अभियान के माध्यम से योजना में पारदर्शिता लाना और जरूरतमंद व्यक्तियों को इस योजना से जोड़कर उनकी आर्थिक सहायता करना है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ उन लोगों को मिले जो इसके लिए वाकई पात्र हैं।