साउथ कोरियन कार निर्माता कंपनी हुंडई की कारों को भारत में खूब पसंद किया जाता है, इस समय यह कंपनी खूब चर्चा में है। कंपनी का सुर्खियां बटोरने का मुख्य कारण कोई कार नहीं बल्कि कंपनी का आने वाला आईपीओ है।
दरअसल हुंडई भारत में अपना आईपीओ लाने वाला है, जो कि अब तक का सबसे महंगा आईपीओ होगा। सूत्रों की माने तो हुंडई के इस आईपीओ का साइज़ तकरीबन 21,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है, अब तक ये रिकॉर्ड LIC के नाम था।
बता दें कि हुंडई कंपनी भारत में सबसे पुरानी और जानी पहचानी कंपनी है। मारुति सुजुकी के बाद हुंडई दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के तौर पर जानी जाती है। साल 2023 में हुंडई का मार्केट शेयर 14.7% रहा था, तो वहीं कंपनी के प्रीमियम ब्रांड Kia India की हिस्सेदारी लगभग 6.2% थी।
28 सालों से हुंडई और भारत का साथ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हुंडई मोटर इंडिया ने करीब 28 साल पहले 1996 के 6 मई को भारत में अपने सफर की शुरुआत की थी। जब हुंडई ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में प्रवेश किया था तो यहां के लोगों के लिए यह ब्रांड नया था। उस समय केवल 5 प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता थे, जिसमें मारुति, प्रीमियर, टाटा, हिंदुस्तान और महिंद्रा शामिल थे। तो फोर्ड, ओपल और होंडा जैसी कंपनियों ने करीब एक साल पहले भारतीय बाजार में एंट्री मारी थी।
ऐसे में हुंडई को भारत में अपनी पकड़ बनाना एक बड़ी चुनौती थी। उस समय मारुति 800, जे़न, टाटा सूमो, सफारी जैसी कारों की बाजार में अच्छी पकड़ थी। लेकिन उस समय पैसेंजर व्हीकल सेग्मेंट में मारुति सुजुकी की मोनोपोली थी, क्योंकि टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियां ज्यादातर यूटिलिटी और कमर्शियल वाहनों पर ही फोकस करती थीं।
हुंडई की भारतीय बाजार में पहली कार
हुंडई कंपनी ने भारत में एंट्री लेने के लिए बज़ट सेग्मेंट को चुना और अपनी पहली कार हुंडई सैंट्रो को 23 सितंबर 1998 को लॉन्च किया। इस कार की कम कीमत में एंट्री लेवल हैचबैक के तौर पर थी, जो उस समय सीधे तौर पर मारुति 800 और जेन को टक्कर देती थी।
इसके बाद कंपनी ने भारतीय बाजार मे एक से बढ़कर एक कारों को लांच किया और मार्केट में ऐसी पकड़ बना ली कि आज लोग इस कंपनी की कारों में आंख बंद करके विश्वास करते हैं।
हुंडई की सफलता की कुंजी
हुंडई कंपनी ने साफ तौर पर मारूति सुजुकी के साथ कंपीट किया और हर उस सेग्मेंट में एंट्री की जहां पर मारुति सुजुकी की पकड़ थी। एंट्री लेवल हैचबैक के तौर पर EON से लेकर i10-i20 या फिर किफायती सेडान के तौर पर Aura तक।
इसके अलावा हुंडई ने अपनी कारों में चालक की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेफ्टी फीचर्स और केबिन एम्बीएंस के साथ बेहतर क्वॉलिटी के मैटेरियल पर भी फोकस किया। कंपनी ने अपने व्हीकल पोर्टफोलियो में सभी कारों में 6 एयरबैग दिए और इसके साथ लोगों का बज़ट ध्यान रखते हुए किफायती कारों को पेश करने की भी शुरूवात की।