Contraceptive pills can be dangerous: आज-कल की पीढ़ी शादी के बाद अपना परिवार नहीं बढ़ाना चाहती है. ऐस में आज कल के कपल सबसे पहले एक दूसरे को अच्छे से समझना चाहते है और अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहते हैं. ऐसे में आज कल के युवा इस्तेमाल करते है कॉन्ट्रासेप्टिव यानी गर्भ निरोधक गोलियों का.

दरअसल ऐसा पहली बार हुआ है जब गर्भ निरोधक के बढ़ते इस्तेमाल के चलते टोटल फर्टिलिटी रेट यानी की टीएफआर में आई कमी रिप्लेसमेंट के स्तर से भी नीच आ गयी है. ऐसे में गर्भ निरोधक गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल करने से फर्टिलिटी पॉवर कम हो जाती है. ऐसे में आपको इस गोली को खाने से पहले थोड़ा जानने की जरूरत है. तो चलिए आपको इस बारे में डिटेल में बताते है.

गर्भ निरोधक गोलियां

आपकी जानकारी के लिए बता दे दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि इनफर्टिलिटी पुरुष या महिला प्रजनन प्रणाली का एक विकार है. अगर 12 महीने या उस से ज्यादा वक़्त तक सेक्सुअल इंटरकोर्स हो रहा है लेकिन महिला कंसीव नहीं कर पा रही है तो इसे अक्षमता माना जाता है.

अभी के टाइम में इनफर्टिलिटी की समस्या दुनिया भर के लाखों कपल्स को हो रही है. ऐसा माना जाता है कि इनफर्टिलिटी बहुत सी वजहें हो सकती है. उदाहरण के लिए -ट्यूबल डिसऑर्डर, डिसऑर्डर एंडोमेट्रियोसिस जन्मजात विकार (सेप्टेट यूटेरस), ओवरी डिजीज (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम), और हार्मोनल असंतुलन.

अब इसके साथ ही संभावित रूप से एक जेनेटिक कंडीशन भी है. दरअसल भारत में परिवार नियोजन के लिए सबसे ज्यादा कंडोम, टैबलेट, वजाइनल रिंग्स, इंजेक्शन और इंट्रॉटरीन डिवाइस, का यूज़ होता है. लेकिन अगर आप कंसीव करना चाहते है तो आपको इन सब का यूज़ नहीं करना चाहिए.

बता दे शोध में ये भी सामने आया है कि कॉन्ट्रासेप्टिव का उपयोग बंद करने वाली 83 प्रतिशत महिलाओं ने पहले वर्ष के अंदर ही कंसीव कर चुकी है. और यदि आप लंबे समय से कॉन्ट्रासेप्टिव का उपयोग कर रही हैं, तो आपको कंसीव करने को लेकर परेशानी हो सकती है. साथ ही बीमारी भी.

हो सकती है गंभीर बीमारी

गर्भनिरोधक गोलियों से दिल का दौरा, स्ट्रोक, रक्त के थक्के और यकृत ट्यूमर जैसी बीमारी हो सकती है. ऐसे में आप इसे लेने से बचे.