Aarti Vidhi Tips: पूजा तो हम सब करते है. लेकिन पूजा और आरती करने का भी सही तरीका होता है. कहते है किसी भी चीज़ की पूजा तब तक खत्म नहीं होती है जब तक आरती खत्म नहीं होती है. कहते है साधक को पूजा का पूरा फल तब तक प्राप्त नहीं होता है जब तक पूजा सफल ना हो. भगवान की आरती करते वक़्त जाने-अनजाने में कुछ गलतियां कर देते हैं जो उनकी पूजा पूर्ण नहीं होती है. इसमें आपको शुभफल की प्राप्ति नहीं होती है. चलिए आपको बताते हैं भगवान की आरती करने का सही तरीका क्या है.
आरती करने का सही तरीका
आपकी जानकारी के लिए बता दे असल में मंदिर में आपको हमेशा एक ही जगह पर आरती खड़े होकर करनी चाहिए. बार बार इधर उधर नही आनी चाहिए. यही नहीं आपको आरती करते वक़्त थोड़ा झुककर करनी चाहिए. आपको आरती करते वक़्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि थाली या दीपक को भगवान के चरणों में 4 बार, नाभि में 2 बार, मुखमण्डल पर 1 बार और बाकी के सारे अंगों पर 7 बार कम से कम घुमाना चाहिए. आपको इस प्रकार आरती करते वक़्त भगवान के चौदह भुज को आपका प्रणाम पहुंचता है. इससे आपको प्रसन्न होकर आपकी सभी मनोकामनाओं भी पूरा होती है.
आरती की थाली
आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि आरती की थाली हमेशा पीतल, तांबे या चांदी की थाली में करनी चाहिए. इस थाली में शुभ करता है. आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आरती की थाली में गंगा जल, कुमकुम, चावल, चंदन, फूल और भोग के लिए फल या मिठाई जरूर रखनी चाहिए. असल में आरती के दौरान पीतल या चांदी का दीपक शुभ होता है. इसके अलावा अगर आप चाहें तो आटे या मिट्टी से बने दीए से भी आरती कर पाएंगे.