सरसों के तेल के दाम पिछले कुछ समय में काफी बढ़ गए थे। जिसके कारण आम आदमी की जेब का बोझ भी बढ़ गया था। सरसों के तेल को नियमित रूप में प्रत्येक भारतीय घर में प्रयोग किया जाता है। इसी कारण आम जनता इसके दाम बढ़ने के कारण काफी परेशान होती दिखाई पड़ रही थी। इसके कुछ समय बाद में सरसों के तेल के दामों में उतार चढ़ाव का समय शुरू हुआ। जिसके कारण सरसों के तेल के खरीदार काफी असमंजस में आ गए थे लेकिन अब सरसों के तेल के खरीदारों के लिए खुशखबरी है। बता दें कि सरसों के तेल के दाम अब काफी सस्ते हो गए हैं। जिसके कारण अब आम जनता काफी खुश नजर आ रही है।
इस कारण भाव में आई कमी
असल में विदेशी बाजार में व्यापार का रुख सामान्य रहा है। इसी कारण दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली और सोयाबीन जैसे देशी तेलों के दामों में कमी आई है। लेकिन पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और बिनौला तेल के दाम अपरिवर्तित रहें हैं। आपको जानकारी दे दें की तेल तिलहन का मुख्य उत्पादन नवंबर-दिसंबर माह के दौरान होता है। लेकिन इस दौरान सोयाबीन, मूंगफली तथा बिनौला के तेल का उत्पादन कम परंतु खाद्य तेलों की मांग में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इस कारण अब कुछ समय सॉफ्ट ऑयल की प्रचुरता बनी रहेगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार को तेल तिहां के मामले में आत्मनिर्भरता बनाने के लिए देशी तेल तिलहन के उत्पादक किसान लोगों के हित में नीतियां बनानी होंगी।
तेल तिलहन के ताजा भाव
. सरसों तिलहन – 6,655-6,705 रुपये प्रति क्विंटल।
. मूंगफली – 6,665-6,725 रुपये प्रति क्विंटल।
. सरसों तेल दादरी- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।
. सरसों पक्की घानी- 2,010-2,140 रुपये प्रति टिन।
. सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।
. सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।
. बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,750 रुपये प्रति क्विंटल।
. पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
. सोयाबीन लूज- 5,285-5,305 रुपये प्रति क्विंटल।
. मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।