नई दिल्ली। एक समय पर समाज में कन्या के जन्म होने पर लोग मायूस होते थे लेकिन वर्तमान समय में कन्या का जन्म होना शुभ माना जाता है और जिस घर में बेटियों की किलकारी गूंजती है वह घर खुशहाल हो जाता है। समाज में पहले दहेज प्रथा कुरीति थी, इसी वजह से घर में बेटी के जन्म लेने पर परिवार में चिंता की लकीर खीच जाती थी। मौजूदा सरकार ने बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smriddhi Yojana) की शुरुआत की है, जो आज वरदान साबित हो रही है।
केंद्र की मोदी सरकार परिवार में बेटियों को समृद्ध बनाने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत जिस परिवार में बेटी का जन्म होता है जन्म के बाद वह परिवार यदि सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Smriddhi Yojana) के तहत बेटी के नाम पर पैसा जमा करते हैं तो 21 वर्ष की होने पर बेटी की सम्मान के साथ शादी हो सकती है।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित सुकन्या समृद्धि योजना में बेटी के जन्म से 10 वर्ष तक की उम्र तक इस खाता को खुलवाया जा सकता है 10 वर्ष के बाद खाता नहीं खोला जा सकता है इसके अलावा 21 वर्ष तक खाते में पैसा जमा किया जाता है। समृद्ध सुकन्या समृद्धि (Sukanya Smriddhi Yojana) खाते में 250 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपए तक जमा किया जा सकता है।
सरकार द्वारा संचालित केंद्र सरकार द्वारा संचालित सुकन्या समृद्धि कहते में 15 वर्ष तक निवेश किया जाता है, इसके 6 साल बाद यानी कन्या के 21 वर्ष के होने पर ये खाता मेच्योर होता है। सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि खाते में 8.2 प्रतिशत व्याज मिलता है। इस योजना की सबसे बड़ी खास बात यह है यदि किसी परिवार में दो बेटियां एक साथ जुडा पैदा होती हैं दोनों का एक ही खाता संचालित हो सकता है।