Old Pension Scheme: पेंशन कितना जरुरी होता है ये बात तो हम सब जानते ही है। लेकिन इसी बीच साल 2000 में केंद्र सरकार की अटल बिहार वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने के नियम को खत्म कर दिया था। जैसे ही इस सिस्टम को बंद किया गया वैसे ही देशभर के कर्मचारियों को एक बहुत बड़ा झटका लगा था। इस नियम के बंद होने से बाद से ही कर्मचारियों के संगठन तभी से फिर से पेंशन की बहाली को लेकर मांग कर रहे थे जिनका असर फ़िलहाल कुछ राज्यों में देखने को मिलता हैं। वही कुछ जगह तो पुरानी पेंशन बहाल करने का फैसला भी लिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे अब केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन को लागू करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इसलिए अब माना जा रहा है कि शायद मोदी सरकार पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर एक चौंकाने वाला ऐलान कर सकती है। हाँ वो बात अलग है कि इस पर बीजेपी के तरफ से कोई भी आधिकारिक तौर आदेश नहीं दिया गया है, लेकिन ये बात लगातार मीडिया में आ रहा है। सूत्रों की माने तो साला 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार इस पर विचार कर सकती है।
मान लीजिए अगर पुरानी पेंशन बहाल होती है तो कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग को बंपर फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं इससे पहले संसद के बीते सत्र में वित्र राज्य मंत्री भागवत कराड ने पेंशन बहाली को लेकर अपना रुख साफ भी किया कर दिया है।
क्या है पेंशन योजना
बता दे नई पेंशन योजना को राष्ट्रीय पेंशन योजना के नाम से भी जाना जाता है। वही इसमें केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी हिस्सा काटा जाएगा। वैसे ये सब चीज़े एनपीएसशेयर बाजार की चाल पर भी निर्भर करता है। इतना ही नहीं 60 वर्ष की उम्र के बाद से पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 प्रतिशत निवेश करने की जरूरत पड़ती है। लेकिन ये बात ध्यान रखें कि योजना में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।