नई दिल्ली। आज के समय में लोग पशुपालन उधोग से अच्छी खासी कमाई कर रहे है। यदि आप पशुओं क खुराक सही तरीके से करते है, ये पशु आपको दूध भी ज्यादा मात्रा में देते है। लेकिन इन दिनों खेत में लगी फसलों के चलते उन्हें चारा काफी कम मात्रा में मिल रहा है। बरसात के समय तो चारा असानी से मिल जाता है लेकिन गर्मी के दिनो में पशुओं को चारे के लेिए दूर दूर तक भटकना पड़ता है। आज हम आपको आज इस परेशानी का हल बता रहे है अब किसान थोड़ी सी जमीन में चारा लगाकर अपने पशुओं के लिए उचित मात्रा में खुराक प्राप्त कर सकते है।
इसके लिए आपको बस हमारे द्वारा बताई एक नई तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. इसका नाम है हाइड्रोपोनिक्स तकनीक। इस तकनीक में को कापी कम खर्चे में आपकी चारे की समस्या का समाधान किया जा सकता है। और सबसे बड़ी बात यह है कि इस तकनीक से उगाए गए चार खाने से पशु दूध भी ज्यादा देती है.
एक ट्रे में तैयार होता है 6 केजी चारा
कृषि विज्ञान केंद्र के पशु चारा विशेषज्ञ सह वरीय वैज्ञानिक डॉ. विपिन कुमार बताते हैं कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से हरा चारा उगाने के लिए सबसे पहले आपको एक ग्रीनहाउस तैयार करना होता । इस संरचना में उगाए जाने वाले हरा चारा को हाइड्रोपोनिक चारा या अंकुरित हरा चारा कहा जाता है।
आपको चारा उगाने के लिए एक हाइड्रोपोनिक ट्रे में मक्का या गेंहू के बीज लेनें होगें और 24 घंटों तक पानी में भिगोने के लिए उसे डाल दें। अब इसमें समय समय में पानी का छिड़काव कर चारा उगा सकते है। यदि आप चाहे तो इसकी अच्छी पैदावार करने के लिए खाद का
भी छिड़काव कर सकते हैं। यह चारा आपको मात्र 15 दिनों में तैयार हो जाएगा। एक ट्रे में 5 से 6 किलो चार तैयार हो जाता है।
पानी में चारा उगाने की यह है प्रक्रिया
डॉ. विपिन कुमार के अनुसार हाइड्रोपोनिक विधि से चारा उगाने के लिए आपको बिना कटे हुए और साफ-सुथरे बीज का इस्तेमाल करना होता है। सके ले पहले बीजों को पानी में अच्ची तरह से सुखाकर इसे पानी में डालकर अच्ची तरह से साफ कर लें। फिर इस बीज को पानी में डालकर 24 घंटे के लिए छोड़ दें। जो बीज उपर तैरने लगें उन्हें छांटकर अलग कर लें। इसके बाद एक जूट के बोरे में इन्हें भरकर अंकुरण के लिए रख दें। इस बोरे को उस जगह रखे जहां का वातावरण गर्म हो और वहां सफाई हो.बीज अंकुरित होने के बाद उन्हें ट्रे में रख दें. इसके बाद ट्रे को ग्रीन हाउस संरचना में रख दें। मात्र