नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क के रूप में पहचानी जाने वाली भारतीय रेल (Indian Railways) में हर दिन लाखों यात्री सफर करते है और अपनी मंजिल में पहुंचते है। दिन रात पटरी में तेज रफतार के साथ दौड़ने वाली यह ट्रेन पूरे साल एक ही रफ्तार के साथ काम करती है। रेलवे टेक्नोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क (68 हजार किलोमीटर) है. इतने बड़े रेल नेटवर्क को संभालना काफी कठिन काम है। अक्सर हर किसी की मन में सवाल उठती है कि जब ट्रेन लगातार चलती ही रहती है तो इसमें बैठा ड्राइवर सोता कब होगा। यदि उसे च्रेन को चलाने के वक्त नींद आ जाए तो क्या होगा? ट्रेन में बैठे हजारों यात्री क्या जिंदा बच पाएंगे? आइए हम आपको बताते है इसके बारें में..
अगर कभी चलती ट्रेन में ड्राइवर को नींद आ जाए तो भी ट्रेन किसी भी हादसे का शिकार नहीं हो सकती इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण हैं. भारत में चलने वाली हर ट्रेन में एक नही बल्कि दो लोको पायलट्स होते हैं. अगर एक लोको पायलट सो जाए तो उसकी कमान दूसरा संभाल सकता है। इसके अलावा, अगर कोई बड़ी मुश्किल आ भी जाती है तो वह अपने साथी लोको पायलट को जगाकर स्थिति को संभाल सकता है। साथ ही कई ऐसी ताकतवर तकनीकें भी हैं, जिनकी मदद से गंभीर परिस्थितियों को रोका जा सकता है।
अगर दोनों लोको पायलट्स सो जाएं तो?
ट्रेन चलाते वक्त यदि दोनों लोको पायलट्स सो भी जाएं, तब भी रेल किसी हादसे का शिकार नहीं होगी. इसके पीछे का कारण जानने से पहले आपको यह जान लेना जरूरी है कि अगर ट्रेन चलाते समय लोको पायलट किसी तरह की हरकत करते हैं तो इंजन चालू रहता है. मान लीजिए, अगर ड्राइवर हॉर्न की जगह किसी तरह का काम करता है, ब्रेक लगाता है, स्पीड बढ़ाता है तो इंजन तक मैसेज पहुंचता है कि ड्राइवर एक्टिव है, या नही।
क्या होता है डेड मैन लीवर?
कई बार ट्रेनों को एक स्पीड पर दौड़ना होता है. ऐसे में न तो लोको पायलट ब्रेक लगा सकता है और ना ही स्पीड बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं, कई बार लोको पायलट्स को हॉर्न बजाने की भी जरूरत नहीं होती. ऐसी स्थिति में इंजन तक कोई मैसेज नहीं पहुंचता. ऐसे में लोको पायलट को समय-समय पर इंजन में लगे डेड मैन लीवर को दबाना पड़ता है. डेड मैन लीवर एक स्पेशल डिवाइस है जो इंजन को संकेत देता है कि ड्राइवर एक्टिव है। अगर ड्राइवर हर 2-3 मिनट में इस डिवाइस को नहीं दबाता है तो इंजन अपने आप ट्रेन की स्पीड कम कर देगा और थोड़ी दूर जाकर रुक जाएगा।