राजस्थान सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए अपना कार्य कर रही है, और प्रदेश की जनता के हित में फैसले ले रही है।
इस राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई है। इसका कारण है कि जब सीएम भजन लाल शर्मा ने पदभार ग्रहण करने के पहले पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया था और अपराधों पर रोक लगाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया है।
सीएम भजन लाल शर्मा ने जब से प्रदेश का पदभार ग्रहण किया है तब से ही वह जनता की सेवा में लगे हुए हैं, और प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या पेपक लीक मामले में बड़ी ही गंभीरता से फैसले ले रहे हैँ, बता दें कि अब सीएम भजन लाल शर्मा ने इस पर एक बड़ा निर्णय लिया है।
आपको बता दें कि इस निर्णय से सीबीआई को राजस्थान के मामलों में अनुसंधान में परेशानी नहीं होगी। सीएम भजन लाल शर्मा ने कल यानि कि गुरुवार को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य से जुड़े मामलों में जांच के लिए राज्य सरकार से सामान्य सहमति की अनुमति प्रदान कर दी है।
इससे केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को राज्य में अनुसंधान के लिए प्रत्येक मामले में अब राज्य सरकार की अनुमति लेने की आवश्यता नहीं होगी। इस संबंध में गृह विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी करने से बाद सीबीआई भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई कर सकेगी।
पिछली सरकार ने वापस लिया था निर्णय
बता दें कि राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत की सरकार ने सीबीआई को अनुसंधान हेतु दी गई सामान्य सहमति को देने का निर्णय वापस ले लिया था। इस से अनुसंधान में विलम्ब एवं अपराध के साक्ष्य के नष्ट करने की संभावना बनी रहती थी। लेकिन सीएम भजन लाल शर्मा के द्वारा लिए गए इस निर्णय से सीबीआई राज्य में भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्रवाई कर सकेगी।