वर्तमान में दुनिया भर में भूराजनीतिक तनाव के चलते केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है। सभी देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने के लिए सोने की जमाखोरी में लगे हुए हैं, और इसी क्रम में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल-जून 2024 के दौरान एक उपलब्धि हासिल की है।

इस अवधि में, RBI ने वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक सोने की खरीदारी की है, जिससे यह क्षेत्र में प्रमुख स्थान पर पहुंच गया है। यह खरीदारी की गति और मात्रा इस बात का प्रमाण है कि केंद्रीय बैंकों के लिए सोना एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प के रूप में उभरा है।

साल 2024 के पहले छह महीनों में केंद्रीय बैंकों ने 483 टन सोना खरीदा, जो एक नया रिकॉर्ड स्थापित करता है। यह आंकड़ा पिछले साल की समान अवधि (जनवरी से जून 2023) के 460 टन सोने की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है। इस वृद्धि के साथ ही केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी का कुल आंकड़ा बढ़कर एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।

RBI ने खरीदा इतना गोल्ड

साल 2024 की पहली दो तिमाहियों में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी में भारी वृद्धि दर्ज की है। विशेष रूप से, अप्रैल-जून 2024 की दूसरी तिमाही में केंद्रीय बैंकों ने 183 टन सोना खरीदा, जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह आंकड़ा पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) की तुलना में 39 टन कम है, जिसमें केंद्रीय बैंकों ने 300 टन सोना खरीदा था।

दूसरी तिमाही में सोने की खरीदारी के मामले में नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने संयुक्त रूप से सबसे अधिक सोने की खरीदारी की। दोनों बैंकों ने 19-19 टन सोना खरीदा था।

गोल्ड की कीमत पर असर

बता दें कि सेंट्रल बैंकों की इस भारी खरीदारी के अलावा अन्य कई वजहों से गोल़्ड मार्केट पर बड़ा असर देखने को मिला है। अमेरिकी करेंसी यानी डॉलर का मूवमेंट, महंगाई और गोल्ड जूलरी की डिमांड के कारण गोल़्ड मार्केट पर असर पड़त है। गोल्ड माइनिंग कंपनियों का उत्पादन प्रभावित होने के कारण भी सोने की कीमत पर असर पड़ा है। सोने का उत्पादन करने वाले देशों में चीन, ऑस्ट्रेलिया, रूस, कनाडा और अमेरिका शामिल है।