आज के समय में देश में सभी लोगों का बैंक में खाता खुला है। लोगों की अधिकतर आर्थिक गतिविधियां इन्हीं बैंक खातों से द्वारा होती है। इसमें से ज्यादातर लोग खाते के न्यूनतम बैलेंस के बारे में जानते हैं।
लेकिन, इन बैंक खाते से जुड़े अन्य नियमों के बारे में जानकारी नहीं होती है। हाल ही में RBI ने एक नए नियम की भी घोषणा कर दी है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि RBI ने सेविंग अकाउंट में कैश रखने की नई लिमिट जायरी कर दी है। जी हां सेविंग अकाउंट में कितना कैश रखें इसके बारे में एक लिमिट जारी की है।
जैसे कि आपको पता है कि बैंक अकाउंट के जरिए वित्तीय लेनदेन में आसनी से होता है, और ये बैंक अकाउंट भी अलग-अलग तरह के होते हैं।
आप लोग सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट और सैलरी अकाउंट आसानी से खुलवा सकते हैं, इन सब अलग-अलग अकाउंट के अलग-अलग फायदे भी होते हैं।
RBI ने आईटीआर को जोड़ा
बैंक से मिलने वाला ब्याज आपके आईटीआर में लाभांश और लाभ से आय से जोड़ा जाता है और इस तरह से टैक्स के दायरे में आ जाता है। लेकिन इसके लिए 10000 रुपये की सीमा होती है, किसी वित्तीय वर्ष में बैंक जमा से हासिल होने वाला ब्याज किसी भी टैक्स के दायरे में आने के लिए 10000 रुपये से अधिक होना बहुत आवश्यक है। यदि आपका ब्याज 10000 रुपये से ज्यादा है तो आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत आप कटौती का दावा कर सकते हैं।
सेविंग खातों पर टैक्स
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बचत खातों पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। टैक्स ज्यादा इनकम पर दिया जाना पड़ सकता है और आपको बैंक से मिलने वाले ब्याज पर भी पड़ सकता है। एक निश्चित अवधि में पैसा जमा करने पर बैंक आपको एक निश्चित प्रतिशत ब्याज देता है और ये ब्याज बाजार और बैंक नीति के आधार पर तय किया जाता है।