समृद्धि और सपनों की पूर्ति के मार्ग में लोन एक महत्वपूर्ण और साधारण साधन बन गया है। आज के समय में लोगों को लोन लेने की जरूरत कई कारणों से पड़ती है।

आधुनिक जीवनशैली और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के साथ, लोगों की वस्त्रित जीवनशैली में वृद्धि हुई है। बढ़ती कीमतें और महंगाई के कारण, लोग अक्सर अपनी संतुलित वित्तीय स्थिति में लोन का सहारा लेते हैं ताकि वे अपनी वस्त्रितता को बनाए रखें।

ऐसे में RBI ने अपने ग्राहकों को लोन लेने के लिए बड़ी राहत दी है और इसके लिए नई गाइडलाइन भी जारी की जिसके बारें में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं…..

सबसे पहले आपको प्रोसेसिंग फीस के बारे में बताने जा रहे हैं। जब कोई व्यक्ति लोन के लिए बैंक जाता है तो पहले बैंक उस व्यक्ति से जुड़े दस्तावेजों और कार्यों के लिए शुल्क लेता है।

इसमें केवाईसी सत्यापन, वित्तीय मूल्यांकन, नौकरी, घर और ऑफिस का पता वैरिफिकेशन, क्रेडिट हिस्ट्री वैरिफिकेशन शामिल है, ये सारे एक्शनस महंगे होते हैं। इसलिए ही बैंक कुल लोन का आधा से एक फीसदी तक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। लेकिन अब RBI ने इसके लिए एक ऐलान किया है।

प्रोसेसिंग फीस पर RBI ने किया ऐलान
RBI ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि ऋण लेते हुए दूसरे शुल्क को ब्याज में शामिल किया जाना चाहिए। दूसरा शुल्क वास्तविक ब्याज दर को बढ़ाता है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि RBI के फैसले से कर्ज में पारदर्शिता बढ़ जाएगी।

इस पर RBI गवर्नर ने कहा कि बैंक कभी भी लोन पर किसी भी तरह की छिपी लागत नहीं लेते हैं। लोन के लिए बैंकों के नियम बहुत पारदर्शी है। यदि आप लोन ले रहे हैं तो रिटेल, एमएसएमई लोन के लिए नियमों पर जरूर फोसक करेंगे।