नई दिल्ली: अब लोन लेने वालों के लिए RBI की ओर से बड़ी राहत भरी खबर मिल सकती है। आने वाले समय में यदि आप बैंक से प्रॉपर्टी के अगेंस्ट लोन लेते हैं तो आपको कई परिस्थितियों में बैंक मुआवजा देगी। फिर चाहे प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज गुमने का मामला हो या फिर दस्तावेज लौटाने में देरी का मामला हो, दोनों ही स्थितियों में बैंक आपको मुआवजा देने के लिए बाध्य हो सकती है। दरअसल आरबीआई (RBI) की उच्च स्तरीय गठित की गई समिति ने जो सिफारिशें दी हैं यदि RBI उन पर अमल करता है तो जल्द ही इनका फायदा ग्रहकों को मिलने लगेगा। 2022 के मई महीने में बैंकों और दूसरी ऐसी ही संस्थानों से लेनदेन करने वाले ग्राहकों को सेवा देने वाली संस्थानों के लिए कई मानक तय किए जा सकते हैं।
प्रॉपर्टी के कागजात लौटाने में देरी पर लग सकता है जुर्माना
आरबीआई द्वारा गठित पैनल के सुझाव को देखें तो, बैंक द्वारा लोन खाता बंद करने की तारीख से लोन लेने वाले को प्रॉपर्टी के कागज़ात लौटाने में यदि बैंक तय समय सीमा के भीतर कागज़ात नहीं लौटाता है तो इस देरी के लिए बैंक को इसके लिए उधार कर्ता को जुर्माना या मुआवजा देना पड़ सकता है।
इतना ही नहीं यदि लोन लेने वाले की प्रॉपर्टी के मूल दस्तावेज बैंक से गुमते हैं तो बैंक की दिम्मेदारी तय की जासकती है और इसके लिए बैंक दस्तावेजों की प्रमाणित पंजीकृत प्रतियां दिलवाने में मदद करने के लिए बाध्य हो सकती है। इसके अलावा गुमने वाले दस्तावेजों की वैकल्पिक प्रतियों की व्यवस्था होने तक बैंक ग्राहक को मुआवजा भी देने के लिए बाध्य हो सकती है।
शिकायतों के आधार पर की गईं सिफारिशें
आरबीआई को ग्राहकों की ओर से कई बार शिकायतें मिली हैं, जिनमें ग्राहक समय पर पूरा लोन चुका दिया इसके बाद भी बैंकों की ओर से मूल दस्तावेज और प्रॉपर्टी के कागजात लौटाने में देरी की शिकायतें मिली है। इसके अलावा कई बार मूल दस्तावेज के गायब होना भी पाया गया है, ऐसे में ग्राहक परेशान हाल भटकता रहता है और बैंक पल्ला झाड़ लेती है। इसी लिए आरबीआई के पैनल ने बैंको के लिए ग्राहकों के हित में ये सुझाव दिए हैं।