नई दिल्ली। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) का अवैध रूप से लाभ उठाकर निर्धनों का हक हडपने के मामले में रसद विभाग के निशाने पर आए 66 हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों से 81 करोड़ से अधिक रुपए वसूल किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्षों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) की सूचियों की जांच की गई, जिसमें बड़ी संख्या में अपात्र लोग इन सूचियों में जुड़कर गरीब के हक का निवाला छीन रहे थे। इनमें राजस्थान के 83 हजार से अधिक सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों का भी खुलासा हुआ, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना को पलीता लगाकर फायदा ले रहे थे। इसके बाद राजस्थान में रसद विभाग ने ऐसे 83 हजार 140 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को जुर्माने सहित वसूली नोटिस जारी किए।
शुरू में तो इन नोटिसों को नजरअंदाज किया गया, लेकिन विभाग के सख्ती दिखाने पर जुर्माना सहित राशि जमा कराना शुरू हुआ। अब तक प्रदेश के रसद कार्यालयों में 66 हजार से अधिक कर्मचारी-अधिकारियों द्वारा 81 करोड़ 13 लाख रुपए से अधिक की राशि जमा कराई जा चुकी है। अभी 17 हजार 123 कर्मचारी-अधिकारी ऐसे हैं, जो नोटिसों के बाद भी राशि जमा नहीं करा रहे हैं। इनके खिलाफ विभाग अब पुलिस कार्रवाई की तैयारी में है।
कोटा वसूली में सबसे पीछे
सूत्रों के अनुसार खाद्य सुरक्षा सूची की जांच-पड़ताल के बाद रसद विभाग की ओर से करौली जिले के करीब 2 हजार 764 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को वसूली नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से अब तक 2 हजार 736 कर्मचारी व अधिकारी वसूली राशि जमा करा चुके हैं, जबकि 28 कार्मिकों द्वारा अभी राशि जमा नहीं कराई गई है।
करौली में अब तक जमा कराई गई राशि 4 करोड़ 4 लाख से अधिक है जो 98.99 फीसदी है। वहीं कोटा अर्बन (डीएसओ कार्यालय प्रथम) वसूली में सबसे पीछे है, जहां महज करीब 51 फीसदी ही वसूली हो पाई है।