आजकल सरकार सभी कर्मचारियों को खुश करने के लिए कोई मैं कोई आदेश निकाल रही है ताकि वह इनका वोट बैंक अपने पक्ष में कर सके. त्योहार पर अच्छा अलाउंस दे रही है.

इसी क्रम में सरकार ने राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों मैं ज्यादातर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है. लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जिनमें यह उम्र अभी भी 56 या 58 वर्ष की है. यह उधम केएसईबी, केएसआरटीसी और केडब्ल्यूए है जिनके कर्मचारियों को इस आदेश से बाहर रखा गया है.

यह वृद्धि उन कर्मचारियों पर बिल्कुल भी लागू नहीं होगी जो कि पहले ही रिटायरमेंट हो चुके हैं. लागू होने से पहले ही इस आदेश का विरोध होना प्रारंभ हो गया है. इन सबके लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई गई थी और उन्हीं सिफारिशों के बाद यह लागू किया गया है. भारतीय मीडिया जगत की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकतर सभी उद्यमों की सेवानिवृत्ति की उम्र को बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया है. यह 60 वर्ष के लिए भी किया गया है क्योंकि फिलहाल अभी केंद्र में भी 60 वर्ष सेवानिवृत्ति की आयु है.

बनाई गई कमेटी के विशेषज्ञों ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को उनके कार्यों के आधार पर बांटा है. इन कार्यों का आधार कृषि और वृक्षारोपण, वित्तीय सेवाएं, पशुधन, पारंपरिक और कल्याण परामर्श और बुनियादी ढांचा, विकास विनिर्माण और उत्पादन है. इन सभी वर्गीकरण को मंजूरी देने का अधिकार सार्वजनिक उद्यम बोर्ड के पास होगा. जो कि इस वर्गीकरण के लिए एक प्रस्ताव पास करवायेगा.
प्रत्येक पीएसयू को PEB को वर्गीकरण प्रस्तुत करना पड़ेगा.

आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 100 से अधिक सार्वजनिक उपक्रमों में अनुमानित डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी है. जिन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 56 और 58 वर्ष है. विशेषज्ञ समिति ने कुछ सिफारिशें की थी उन सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार ने एक आदेश पारित किया. इस आदेश में यह था कि केरल राज्य विद्युत बोर्ड, राज्य सड़क परिवहन निगम और जल प्राधिकरण को छोड़कर बाकी सभी उपक्रमों के वेतन ढांचे पर एक अध्ययन किया जाएगा. और यह अध्ययन किया भी गया.

समिति ने किए गए अध्ययन के आधार पर राज्य सरकार से सिफारिश करी की सभी राज्य सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर एक समान 60 वर्ष कर दें. बहुत से लोगों ने इसका विरोध करना प्रारंभ ही कर दिया. कुछ लोगों के अनुसार यह सब सही नहीं है. वहीं कुछ लोग समिति के इन सिफारिशों से भी खुश नहीं है.

युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और तीन बार के कांग्रेस विधायक शफ़ि परम्बिल ने मीडिया के सामने कहा कि डीवाईएफआई FYFI विजयन सरकार की सिर्फ एक PR एजेंसी है। जो युवा कांग्रेस सरकार सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष करने की अनुमति नहीं देगी। सरकार का यह निर्णय एक युवा विरोधी निर्णय है, केरल इकाई इसका जवाब देगी और इसका विरोध करेगी।

वही एआईवाईएफ के राज्य सचिव टीटी जिसमोन ने बोला कि यह सरकार का यह तानाशाही निर्णय राज्य के युवाओं के लिए एक झटका है।इस फैसले का विरोध करेंगे, हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते। इस प्रकार यह लोग इसका विरोध कर रहे हैं. बाकी अब देखिए आगे क्या होता है और क्या नहीं. यह सब जानने के लिए हम से जुड़े रहें और लगातार हमारी अपडेट पढ़ते रहे.