नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान किया है। पहले तो डीए में बढ़ोत्तरी की खुशखबरी दी इसके बाद और मेहरबान होते हुए राज्य सरकार ने DA वृद्धि के आदेश में संशोधन करते हुए जो बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता सैलरी के साथ मई के महीने से देने का ऐलान किया था, उसे बदल कर अब सरकार कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 अप्रैल से बढ़ी हुई सैलरी देने का आदेश दिया है। सरकार ये आदेश कैबिनेट की अहम बैठक के बाद लिया है।
आपको बतादें इससे पहले मार्च के महीने में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेशनर्स के लिए 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान किया था। उस आदेश के बाद राजस्थान की गहलोत सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए भी 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की लेकिन यह आदेश 1 मई से लागू होने की बात कही थी, पर अब सरकार अपने पुराने निर्णय को बदलते हुए कर्मचारियों को खुश करने के लिए एक महीने पहले ही महंगाई भत्ता बढ़ाने का ऐलान कर दिया है।
गहलोत सरकार के इस फैसले से राजस्थान के करीब 8 लाख कर्मचारियों और 4 लाख से अधिक पेंशनर्स को बढ़े हुए महंगाई भत्ते का सीधा लाभ मिलेगा। यदि सरकार के खजाने पर पड़ने वाले असर को देखें तो सरकार के इस निर्णय से 1640 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार सरकार पर पड़ने वाला है। हालांकि इसका फायदा पंचायत समितियों और ज़िला परिषद के कर्मचारियों को भी मिलेगा जिससे प्रदेश की सभी कर्मचारी और पेशन पाने वाले काफी खुश हैं।
राजस्थान की गहलोत सरकार केंद्र के 7th पे कमीशन के नीयमों का पालन करते हुए अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता का लाभ समय समय पर देती आई है। पहले राज्य के कर्मचारियों को केंद्र की तरह 38 फीसदी महंगाई भत्ता दे रही थी और जैसे ही मार्च के महीने में केंद्र ने महंगाई भत्ता में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की राज्य सरकार ने भी अपने कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जिसके मुताबिक अब राजस्थान के सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी 42 प्रतिशत के दर पर महंगाई भत्ता मिलना स्वीकार हो गया है।