आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक ने अपने होम लोन के नियमों में बदलाव किया है। जानकारी दे दें की बैंक ने लॉन्ग टर्म क्लाइमेट एक्शन फंड से फंडेड हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत कर्ज आवंटन में रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन को अनिवार्य बनाया है। बता दें की बैंक ने जून माह में 6.3 लाख करोड़ रुपये के होम लोन को स्वीकृत किया था।

सोलर एनर्जी यूनिट को लगाना होना अनिवार्य

एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर (रिस्क, कंप्लायंस एंड स्ट्रेस्ड एसेट) अश्विनी कुमार तिवारी इस बारे में कहते हैं कि “अगर हाउसिंग प्रोजेक्ट हमारे ग्रीन फंड से फंडेड है तो हम बिल्डरों के लिए छत पर सोलर एनर्जी यूनिट लगाने को अनिवार्य बनाने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा की यहां सिडबी द्वारा आयोजित ग्लोबल एसएमई समिट के अंतिम दिन कहा, “वास्तव में, हम आगे चलकर इसे होम लोन आवेदकों के लिए एक बंडल्ड डील बनाने की योजना बना रहे हैं।

इन प्रोजेक्ट्स के लिए लोन दे रहा है SBI

अश्विनी कुमार तिवारी का कहना है कि ये लोन 10 वर्ष की अवधि के लिए आते हैं। जिससे उधार लेने वाले बैंकों के लिए फॉरेक्स रिस्क पैदा होता है। उन्होंने आगे कहा की हमने वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलेपमेंट बैंक जैसी मल्टीलेटरल वित्तीय संस्थाओं से आग्रह किया है की वे उधार लेने वाले बैंकों को अपने एक्सपोजर को हेज करने की अनुमति दें ताकी ग्रीन फंडिंग और फाइनेंशियल इनक्लूजन फंडिंग अधिक टिकाऊ हो सके। एसबीआई ग्रीन बिल्डिंग, बैटरी रीसाइक्लिंग, सोलर रुफटॉप जैसी ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए फंड उपलब्ध करा रहा है।”