नई दिल्ली। Supreme Court on Women laws: देश में महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के लिए सरकार की ओर से कई कड़े कानून बनाए गए है। जो उनके लिए एक मजबूत स्तंभ की तरह काम करते है। लेकिन आज के समय में महिलाओं के लिए बनाए गए कानून दूसरे आम लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन रहे है। जिसकी आड़ लेकर महिलाएं उनसे मनमाफिक काम कराने को मजबूर कर रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण हाल में हुए Atul Subhash Suicide Case में देखने को मिल रहा है। जिसने पत्नि को मिले अधिकारों के दुरुपयोग के चलते मौत को गले लगा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने अब लगातार हो रहे ऐसे केसों को देखते हुए कड़ी टिप्पणी की है।
कोर्ट ने कहा है कि महिलाओं के दिए गए कानून उनकी सुरक्षा के लिए हैं, ना कि उन्हें अपने पति और ससुराल वालों को धमकाने या धन ऐंठने का जरिया बना लें।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को इस बात को समझना चाहिए कि जो कड़े कानून और नियम उनकी सुरक्षा व अधिकारों की रक्षा के लिए बने गए हैं। उसका अनुचित लाभ उठाकर उन अधिकारों को बदनाम ना करें। उसको किसी को प्रताड़ित करने का जरिया ना बनाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय कई मामलें ऐसे देखने को मिल रहे है जिसमें महिलाएं रेप, आपराधिक धमकी और क्रूरता जैसे गंभीर धाराओं का ‘पैकेज’ बनाकर पुरूषों को ब्लैकमेल कर रही हैं। जो समाज में गलत संदेश दे रहे हैं।
विवाह एक पवित्र बंधन, न कि समझौता
अदालत ने हिंदू विवाह के बारे में बताया कि हमारे देश में विवाह एक पवित्र बंधन को माना जाता है। जिसमें कई नए रिश्ते बनते है। लेकिन इन रिश्तों को दरकिनार करते हुए महिलाएं थोड़ी सी लड़ाई को मुद्दा बनाकर कानून का दरवाजा खटखटाने लग जाती है।
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और पंकज मित्तल की बेंच ने कहा कि कानून का उपयोग अक्सर पति पत्नि के रिश्ते और उसके परिवार पर दबाव बनाने के लिए किया जाता है। पुलिस और निचली अदालतें कई बार बिना उचित जांच के गिरफ्तारी कर लेती हैं, जिससे निर्दोष परिवार प्रभावित होते हैं।
गुजारा भत्ता देने पर सुप्रीम कोर्ट की नराजगी
गुजारा भत्ता को लेकर अदालत ने कहा कि कभी कभी महिलाएं दूसरे पक्ष की संपत्ति को देखकर इतनी ललचा जाती है। कि तलाक के बाद करोड़ों के सम्पति हथियाने में लग जाती है। लेकिन ऐसा तब नहीं होता जब पति किसी आर्थिक संकट में होता है। न्यायालय ने इस असमानता पर सवाल उठाते हुए गुजारा भत्ता तय करने के लिए सटीक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की बात कही है।