Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने आज से सैकड़ों वर्ष पहले सुखी जीवन के लिए जो नीतियां बताई थीं, वो आज भी सार्थक हैं। यदि कोई उनके बताए रास्ते पर चलता है तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आती है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री और पुरुष के लिए अलग अलग गुणों का बखान किया है। वे धरती पर रहने वाले हर जीव से कुछ ना कुछ सीख लेने की सलाह देते हैं। इसी तरह से वे कहते हैं कि यदि कोई पुरुष वफादारी की मिसाल पेश करने वाले कुत्ते से ये 5 गुण सीख लेता है तो उससे स्त्री हमेशा संतुष्ट रहती है।
आचार्य चाणक्य ने साफ कहा कि जिसे हम फेक कर दो रोटी देते हैं उस कुत्ते से भी इंसानों को सीख लेनी चाहिए तो आपको बता दें कि कौन-कौन से वो गुण हैं जो पुरुष में रहने जरूरी हैं।
1. संतुष्ट रहना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुरुष को यथाशक्ति परिश्रम करना चाहिए और उससे जो धन या फल मिले, उससे संतुष्ट व खुश रहना चाहिए. जिस तरह से कुत्ता जितना भोजन मिलता है, उतने में ही संतुष्ट हो जाता है. उसी तरह पुरुषों को मेहनत से अर्जित इस धन से ही परिवार का पालन पोषण करना चाहिए, जिन पुरुषों में यह गुण होता है, वे सफलता प्राप्त करते हैं।
2. सतर्क रहना
आचार्य के अनुसार, जिस तरह से कुत्ता गहरी नींद में होने के बाद भी सतर्क रहकर सोता हैं, वैसे ही पुरुष को भी हमेशा अपने परिवार-स्त्री और कर्तव्यों को लेकर सतर्क होना चाहिए. परिवार व खुद कर सुरक्षा के लिए शत्रुओं के सदा सावधान रहे. आप चाहे कितनी भी गहरी नींद में क्यों ना हो हल्की आहट पर ही जागने का गुण होना चाहिए.ऐसे गुण वाले पुरुष से उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है.
3. वफादारी
चाणक्य कहते है कि जिस तरह कोई कुत्ते की वफादारी पर शक नहीं कर सकता है, उसी तरह पुरुष को अपनी पत्नी व कार्य के प्रति हमेशा वफादार होना चाहिए. जो पुरुष अनजान महिलाओं को देखकर भी लालायित हो जाता है, उसके घर में कलह बनी रहती है. ऐसे पुरुष से स्त्री कभी खुश नहीं रहती है, क्योंकि पत्नी अपने पति की वफादारी से ही आनंदित रहती है.
4. वीरता
आचार्य कहते हैं कुत्ता निडर और वीर प्राणी होता है, जिस तरह से यह अपने मालिक की रक्षा के लिए अपनी जान तक गंवा सकता है. ठीक उसी तरह पुरुषों को भी वीर होना चाहिए, जरुरत पड़ने पर अपनी पत्नी और परिवार के लिए अपनी जान दाव पर लगाने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए.
5. संतुष्ट रखना
आचार्य चाणक्य के अनुसार, पुरुष का पहला दायित्व है अपनी पत्नी को हर तरह से संतुष्ट रखना, जो पुरुष शारीरिक और मानसिक रूप से अपनी पत्नी को संतुष्ट रखते हैं, उनकी पत्नी हमेशा खुश रहती है. ऐसा करने वाला पुरुष हमेशा अपनी पत्नी का प्रिय बना रहता है।