आपको पता होगा ही भारत में महिलाओं को सर्वाधिक सम्मान दिया जाता है। प्रकृति ने भी महिलाओं को नम्रता तथा कोमलता तथा स्नेह जैसे गुण प्रचुर मात्रा में दिए हैं। इस तरह के गुण आपको प्रत्येक महिला में देखने को मिल जाते हैं लेकिन कहा जाता है की हाथ की पांचो उंगलियां एक सामान नहीं होती हैं। इसी प्रकार से सभी महिलाओं को प्रेम का प्रतीक नहीं माना जा सकता है।
भारतीय समाज में महिलाओं को परिवार की इज्जत माना जाता है तथा उन्हें यह सुनिश्चित करने की स्वतंत्रता दी जाती है की उनके कारण परिवार के सम्मान हो ठेस न पहुचें। महिलाओं के विषय में आचार्य चाणक्य ने अपनी किताब “चाणक्य नीति” में काफी कुछ विस्तार से बताया है।
यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आप चरित्रहीन महिलाओं से जाल से हमेशा बचे रहेंगे तथा खुद और अपनी संम्पति को सुरक्षित रख सकते हैं। आइये अब हम आपको आचार्य चाणक्य के अनुसार चरित्रहीन स्त्रियों के लक्षण के बारे में बताते हैं।
1 – आचार्य चाणक्य बताते हैं की जिस स्त्री के पैर का पिछला हिस्सा मोटा तथा भारी होता है। वह स्त्री परिवार के लिए शुभ नहीं होती है। इसके विपरीत जिस स्त्री के पैर का पिछला हिस्सा पतला तथा सूखा होता है। वह स्त्री अपने जीवन में कई तरह से दुखों का सामना करती है।
2 – आचार्य चाणक्य बताते हैं जिस स्त्री के पैर की सबसे छोटी ऊंगली अथवा उसके पास वाली ऊंगली जमीन को नहीं छूती हो तथा अनामिका ऊंगली अंगूठे से ज्यादा लंबी हो तो इस प्रकार की महिलायें काफी गुस्से वाली होती हैं। इन पैट काबू पाना काफी मुश्किल होता है तथा ये अपने लाभ के लिए अपने चरित्र ो जल्दी ही बदल लेती हैं।
3 – जिन स्त्रियों का माथा काफी लंबा होता है वे स्त्रियां अपने जीजा के लिए काफी अशुभ होती हैं। इसी प्रकार से जिन स्त्रियों का पेट लंबा होता है वे पाने ससुर के लिए काफी अशुभ मानी जाती हैं। जिन स्त्रियों के कमर के नीचे का भाग मोटा तथा भारी होता है, वे अपने पति के लिए काफी अशुभ मानी जाती हैं।
4 – जिस स्त्री का पेट घड़े के सामान काफी मोटा तथा भारी होता है। वह अपने जीवन को दरिद्रता तथा गरीबी में गुजारती है। स्त्री के पेट का लंबा तथा गद्देदार होना भी दुर्भाग्य की निशानी माना जाता है।
5 – जिन स्त्रियों की लंबाई ज्यादा होती है तथा होठों के ऊपर बाल होते हैं। वे अपने पति के लिए अशुभ मानी जाती हैं। मोटे, लंबे तथा चौड़े दांतों वाली महिलायें भी घर के लिए सही नहीं मानी जाती हैं।