Ashok Gehlot Duplicate: अभी हाल ही में राजस्थान विधानसभा चुनाव जारी होना है. दरअसल अभी हाल ही में कुछ दिन पहले बीजेपी ने जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के किले में बड़ी सेंधमारी की है. ये बात तो हम सब जानते हैं कि 40 साल से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और जोधपुर के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम भी लिया है. उनका डिसीजन लोगों को हैरान कर रहा है. दरअसल दाधीच का एकदम चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होना हर किसी को हैरान कर देने वाला है.

गहलोत और दाधीच के बीच का संबंध

आपकी जानकारी के लिए बता दे रामेश्वर दाधीच और अशोक गहलोत के बीच बहुत ही अच्छे पारिवारिक संबंध हैं. दोनों ही लोगों ने शुरुआती वक़्त में ही खूब संघर्ष किया है. कहा जाता है कि इन दोनों के बीच करीब 40 साल से भी ज्यादा कि दोस्ती है. वही रामेश्वर दाधीच साल 2009 से साल 2014 तक जोधपुर के महापौर रह चुके हैं. यही नहीं वो काफी समय तक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव पद पर भी भी रह चुके हैं. इन सब के साथ ही जोधपुर देहात सेवादल के जिला अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं.

दरअसल रामेश्वर दाधीच ने सूरसागर विधानसभा सीट से निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन पत्र दिया था. पर आपको बता दे उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था. यही नहीं दाधीच के नामांकन से सबसे ज्यादा बीजेपी परेशान थी. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा के ब्राह्मण नेताओं के दबाव के चलते रामेश्वर दाधीच ने अपना नामांकन ले लिया है. ऐसे में अगर रामेश्वर दाधीच सूरसागर से निर्दलीय चुनाव लड़ते तो इससे हिंदू वोट बंट सकते थे जिसकाफायदा कांग्रेस के प्रत्याशी शहजाद खान को होता.