आपको पता होगा ही की गोबर का इस्तेमाल हमारे देश में काफी प्राचीन काल से होता आ रहा है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर का इस्तेमाल जलावन तथा घरों की लिपाई के लिए किया जाता है। लेकिन आज के समय में जैसे जैसे शहरीकरण को बढ़ावा मिला है वैसे बैसे गोबर का इस्तेमाल कम होता जा रहा है। शहरों में गौ शालाओं तथा गावों में किसानों के लिए अब गोबर का प्रबंधन मुश्किल होता जा रहा है।
इसी समस्या को देखते हुए पंजाब के पटियाला के निवासी इंजिनियर कार्तिक पाल ने एक आनोखी मशीन को ईजाद किया है। इस मशीन की खासियत यह है की यह मशीन गोबर से लकड़ी बनाने का कार्य करती है। इस प्रकार से यह मशीन पर्यावरण तथा किसानों के लिए एक वरदान मानी जा रही है। आपको पता होगा ही अब सरकार भी लोगों को पर्यावरण के लिए काफी जागरूक करने लगी है। लोग भी सरकार के इस अभियान से धीरे धीरे जागरूक होते जा रहें हैं। इसी को देखते हुए कुछ लोगों ने गोबर से कई चीजें जैसे गमलें रंग तथा बायो गैस आदि को बनाया है। वहीं इंजिनियर कार्तिक पाल ने गोबर से लकड़ी तथा पाउडर बनाने की अनोखी मशीन बनाई है।
इस प्रकार से आया आइडिया
कार्तिक बताते हैं 2014 में इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद में वे चारा काटने की मशीन बनाते थे। एक बार वे मशीन की डिलीवरी करने एक गौ शाला गए थे। वहां उन्होंने गोबर का काफी ढेर देखा। इसके अलावा उन्होंने कई किसानों तथा गौ शालाओं के मालिकों को गोबर से परेशान देखा। अतः कार्तिक ने सोचा की क्यों न ऐसी चीज बनाई जाए जिससे इस समस्या का हल हो सके।
इस प्रकार से गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन का आइडिया कार्तिक के सामने आया। कार्तिक ने 2018 में गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन को बना लिया था। पहले तो उनकी मशीन को लोगों ने ख़ास तरजीह नहीं दी लेकिन जब उन्होंने उसको उपयोग करने की सलाह दी लोगों को दी तो लोगों को इस मशीन की उपयोगिता समझ आने लगी। इस प्रकार से उनकी इस मशीन की डिमांड काफी बढ़ गई। कार्तिक बताते हैं की वे अब तक इस प्रकार की 10 हजार मशीनों को सेल कर चुके हैं।
इन चीजों में होता है इस्तेमाल
कार्तिक बताते हैं गोबर से बनी लकड़ी का इस्तेमाल हवन, श्मशान तथा कमर्शियल उपयोग में किया जाता है। हवन के लिए इस लकड़ी में कपूर तथा फूलों का पाऊडर डाला जाता है ताकी इससे खुशबू आये। इसी प्रकार से कमर्शियल उपयोग के लिए इस लकड़ी को बनाने में 70% गोबर के साथ कोयले तथा चावल की भूसी का यूज किया जाता है। इससे इसकी ज्वलन शक्ति बढ़ जाती है।
लकड़ी को बनाने के लिए इस मशीन में 3 से 4 दिन पुराना गोबर डाला जाता है। जो की मशीन की नली से लकड़ी की शेप में बाहर की और निकलता है। इसके बाद में इसको धूप में सुखाया जाता है। आपको बता दें की कार्तिक ने गोबर को सुखाने की मशीन को भी बनाया है। साल 2021 में कार्तिक ने गोबर ड्रायर मशीन को बनाया है। यह मशीन गोबर से पानी को अलग कर उसको पाऊडर के रूप में बदल देती है। इस पाऊडर का इस्तेमाल अगरबत्ती बनाने में किया जाता है।
जान लें कीमत
इस मशीन से गोबर की लकड़ी बनाकर आप आसानी से अपनी इनकम को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको अधिक खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि आप मात्र एक बार ही इस मशीन में पैसे लगाकर इसको खरीद सकते हैं। आपको बता दें की इस मशीन की कीमत 65,000 रुपये है तथा इसमें 18% जीएसटी भी लगती है। इस मशीन को यूज करने के लिए मात्र 2 लोगों की आवश्यकता पड़ती है।