नई दिल्ली: अक्सर आपने सुना कि मेहनत का फल मीठा होता है। यदि किसी पड़ाव को हासिल करने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत की जाए, तो आपको आपकी हर राहें अवश्य मिल जाती हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला यूपी के एक छोटे से गांव में रहने वाले श्यामबाबू के साथ जिसका परिणाम सामने आते ही लोगों के होश उड़ गए।

ये कहानी है बलिया के इब्राहिमाबाद गांव में रहने वाले 33 वर्षीय श्यामबाबू की। जिनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते दसवीं तक ही पढ़े रहे। लेकिन सपने की उडान ऊंची थी इसलिए वो सरकारी नौकरी पाने की कोशिश करने लगे। वो सफल हुए और यूपी पुलिस के हेड कांस्टेबल पद पर भर्ती हो गए। सिपाही बनने के बाद भी उनका लक्ष्य यही तक सीमित नही था उन्होने इससे भी ज्यादा हासिल करने के लिए प्राइवेट पढ़ाई करना शुरू कर दिया। नौकरी से छुट्टी लेकर 2010 में उन्होंने पीसीएस परीक्षा देने की ठान ली।

Motivational Story Of Shyam Babu

श्यामबाबू का कड़ी मेहनत का अंजाम उस समय देखने को मिला जब वो 2016 में हुई पीसीएस परीक्षा में 52वीं रैंक हासिल करके SDM बन गए। श्यामबाबू को पीसीएस परीक्षा में पास होने की खबर तब लगी जब वो अपने डिप्टी एसपी साहब के ऑर्डर को मानते हुए चाय लेने के लिए बाहर गए थे। उसी दौरान शयाम बाबू के फोन पर एक मेसेज आया, जिसमें उनके पीसीएस परीक्षा में पास होने की जानकारी दी गई थी।

वो पीसीएस परीक्षा पास कर चुके थे। जब श्यामबाबू ने चाय के साथ ये खबर DSP साहब को सुनाई और कहा कि सर में एसडीएम बन गया हूं। तो DSP साहब एकाएक खड़े हो गए और श्यामबाबू को सेल्यूट किया, और हाथ में रखी चाय के श्यामबाबू को अपने हाथ से पिलाई।

श्यामबाबू ने कांस्टेबल के पद पर रहते हुए स्नातक की डिग्री हासिल की इसके बाद 6 बार के प्रयास के बाद SDM का पद हासिल किया।