नई दिल्ली। आज के समय में जिस तरह से मोबाइल लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है उसी तरह से एटीएम कार्ड भी हर किसी की पहली जरुरत बन चुकी है। क्योंकि अब लोग लूटपाट के डर से जेब में पैसे की जगह एटीएम कार्ड को रखना ज्यादा पसंद करते है। जिसे किसी भी जगह पर रहकर पैसा निकाला जा सकता है। लेकिन क्या प जानते है कि यह छोटा सा कार्ड भले ही आपको य्हम सहूलियत देता है इसके अलावा भी वो आपको दुर्घटना होने पर मोटी रकम देने का अधिकार भी देता है।
यह बात बहुत ही कम लाग जानते होंगे कि बैंक से जैसे ही आपके लिए एटीएम कार्ड जारी किया जाता है तुरंत ही दुर्घटना बीमा हो जाता है। जिसकी जानकारी बैंक भी अपने ग्राहकों को नही देता है।
बिहार के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि बैंक जैसे ही किसी ग्राहक को एटीएम कार्ड जारी करता है तो उसके साथ में ग्राहकों को दुर्घटना बीमा भी मिल जाता है। एटीएम कार्ड की कैटेगरी के अनुसार, 1 से 10 लाख रुपये तक दुर्घटना बीमा राशि होती है। लेकिन जानकारी अभाव के कारण लोग इसका फायदा नही उठा पाते है। एक महीने के भीतर यूजर्स बैंक ब्रांच में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
किस एटीएम कार्ड पर कितना मिलता है बीमा
जानकारी के लिए बता दें बीमा का फायदा एटीएम कार्ड धारको को उस समय मिलता है जब किसी की दुर्घटना से और अनिश्चित मौत होती है। नियमों के अनुसार, जो यूजर्स किसी भी सरकारी और गैरसरकारी बैंक के एटीए का 45 दिनों से उपयोग कर रहा है तो इसमें बीमा की रकम एटीएम कार्ड की कैटेगरी के हिसाब से मिलेगी। इसमें कैटेगरी के हिसाब से लाखों रुपये का बीमा उठा सकते हैं।
कब मिलता है कितना बीमा
यदि आप एटीएम कार्ड का उपयोग करते हैं र कही किसी हादसे का शिकार हो जाते है। जिसमें आपका एक हाथ और एक पैर खो जाने पर दिव्यांग हो जाते हैं तो उसको 50 हजार रुपये की राशि बीमा के तौर पर मिलती हैं। दोनों हाथ और पैर खो देने पर 1 लाख रुपये का बीमा मिलता है, और वहीं मौत हो जाने पर 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है।
कैसे कर सकते हैं इंश्योरेंस
एटीएम कार्ड पर मिलने वाले बीमा का क्लेम करने के लिए कार्डधारकों के नॉमिनी को बैंक शाखा में आवेदन करना होता है। जिसमें FIR की कॉपी, इलाज का प्रमाण पत्र आदि कागजों को पेश किय़ा जाता है। जिसके बाद कुछ दिनों में बीमा का क्लेम खाते में आ जाता है। वहीं मौत होने पर नॉमिनी को डेथ बेनिफिट, मृतक का प्रमाण पत्र, FIR की कॉपी आदि की जरुरत होती है। इसके बाद बीमा की राशि मिलती है।