केंद्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक को ग्राहकों से मिली शिकायतों के बाद कड़ा कदम उठाते हुए शो-कॉज नोटिस जारी किया है। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने 3 अक्टूबर को यह नोटिस जारी किया।
जिसमें ओला पर सेवा की कमी, भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। ओला को इन आरोपों पर 15 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
हजारों शिकायतें और सर्विस की खामियां
यह नोटिस उन 10,644 शिकायतों के आधार पर भेजा गया है जो 1 सितंबर 2023 से 30 अगस्त 2024 के बीच राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर दर्ज की गईं। इन शिकायतों में से 3,389 मामले सेवा में देरी, 1,899 डिलीवरी में देरी और 1,459 सर्विस वादाखिलाफी से जुड़े हैं। शिकायतकर्ताओं ने ओला की प्रोडक्ट क्वालिटी, सेकंड-हैंड स्कूटर्स की बिक्री, रद्द की गई बुकिंग के लिए रिफंड न देने, सर्विस के बाद भी समस्याओं के जारी रहने, ओवरचार्जिंग और बैटरी से संबंधित गंभीर मुद्दे उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर विवाद
ओला इलेक्ट्रिक को हाल ही में सोशल मीडिया पर भी आलोचना का सामना करना पड़ा, जब कॉमेडियन कुणाल कामरा ने ओला की सेवाओं को लेकर ट्वीट किया। ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल और कामरा के बीच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर वर्ड-वॉर हो गया, जिसमें अग्रवाल ने मजाक में कामरा को सर्विस सेंटर में नौकरी का ऑफर तक दे डाला।
सीसीपीए की जांच और कंपनी की चुप्पी
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि सीसीपीए ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच कर रहा है, जिनमें मुख्य रूप से खराब सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ओला इन समस्याओं को जल्द से जल्द हल करेगी। इस बीच, ओला इलेक्ट्रिक की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इस विवाद और जांच के चलते कंपनी के शेयरों में लगभग 9% की गिरावट देखी गई है, और यह 90.26 रुपये पर आ गए हैं।